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कविता रिमिक्स

कविता जन्म लेती हे कवि की सोच से
कवि दवा रहता घरेलू कामों के बोझ से
जब कभी कवि की सोच व् बीबी के आदेश हो जाते मिक्स
बनती हे कविता रीमिक्स
उठो नोजवानो देश को बचाना हे
खोई शौहरत को फिर बापिस लाना हे
बंद करो कविता लिखना क्या ऑफिस नहीं जाना हे
तीन दिनों से नहीं नहाया क्या आज भी नहीं नहाना हे
तुम जाग गए तो देश जाग जायेगा
दूथ जाकर लेलो नहीं तो दूधबाला भाग जायेगा
हम देशवासियों की तुमको आशीष
पापा भर देना मेरी स्कूल की फीस
तुम्हे ही रखना इस देश की लाज
लौटते हुए ले आना आलू व् प्याज
देशभक्ति से ओतप्रोत हो हिन्दुस्तानियों का दिल
आज भर देना बिजली का बिल
देश को तुम्हे बुरी नजर से बचाना हे
आज बाजार से किराना भी लाना हे
नहीं हे शक्कर न ही हे तेल
बाजार में लगी हे साड़ियों की सेल
देश में तुम्हे रामराज्य लाना हे
देश को फिर सोने की चिड़िया बनाना हे
भारत माता के चरणों में मेरा सत सत नमन
बच्चों की माँ की सेवा में जीवन हवन

Dr.Ajay Khare Aahat

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सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on December 12, 2012 at 12:40pm

हाहाहा ...शानदार रीमिक्स ...हार्दिक बधाई आदरणीय डॉ. अजय 

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