For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

शब्द दर शब्द बोलती हैं कुछ खामोश चीखें

शब्द दर शब्द बोलती हैं कुछ खामोश चीखें  

मैंने माना कोई नहीं अपना 
तोड़ डाला है आज हर सपना
रखे गैरत मिला है क्या मुझको
सोच में इसकी भला क्यूँ खपना 

सुन लूँ बिसरी हुई सी ऊँघती बेहोश चीखें
शब्द दर शब्द बोलती हैं कुछ खामोश चीखें

कोई आइना उठा लाया है
मुझको फिर याद कुछ दिलाया है
कभी चेहरा ये चाँद लगता था
आज लेकिन वही मुरझाया है

बदलता वक़्त और दर्द की आगोश चीखें 
शब्द दर शब्द बोलती हैं कुछ खामोश चीखें

कभी पायल की सुनी है रुनझुन
कभी कंगन से हुई वो खनखन 
आज सुनता हूँ मैं सन्नाटों को
मेरी उनसे हुई थी जो अनबन

टपकती मौन आँखों से उड़ा दें होश चीखें
शब्द दर शब्द बोलती हैं कुछ खामोश चीखें

आदमी आदमीयत भूला है
रिवाजो रस्म नीयत भूला है
वो है आमादा जान लेने को
कौम की वो बसीयत भूला है

दरिंदों में तो भर रही हैं देखो जोश चीखें
शब्द दर शब्द बोलती हैं कुछ खामोश चीखें


संदीप पटेल "दीप"

Views: 307

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on December 15, 2012 at 4:00pm

आदरणीय अनंत भाई जी बहुत बहुत शुक्रिया आपका रचना की सरहना कर उत्साह बढाने हेतु 
 

Comment by अरुन 'अनन्त' on December 15, 2012 at 3:52pm

आदरणीय संदीप भाई बेहद सुन्दर अभिव्यक्ति हार्दिक बधाई स्वीकारें

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on December 15, 2012 at 3:48pm

आदरणीय वीनस सर जी सादर प्रणाम

उत्साहवर्धन करने के लिए हृदय से धन्यवाद और सादर आभार
ये नया प्रयास किया था शायद कुछ जमा नहीं गुरुजनों को सो प्रतिक्रिया नहीं दी
किन्तु प्रयास करता रहूँगा ...............स्नेह यूँ ही बनाये रखिये

Comment by वीनस केसरी on December 15, 2012 at 2:17am

नवगीत फार्मेट की ओर कदम बढाता सुन्दर प्रयास

कई कई बिम्ब अच्छे बन पड़े हैं
बधाई

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"शुक्रिया आदरणीय। कसावट हमेशा आवश्यक नहीं। अनावश्यक अथवा दोहराए गए शब्द या भाव या वाक्य या वाक्यांश…"
6 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीया प्रतिभा पाण्डेय जी।"
6 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"परिवार के विघटन  उसके कारणों और परिणामों पर आपकी कलम अच्छी चली है आदरणीया रक्षित सिंह जी…"
12 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"आ. प्रतिभा बहन, सादर अभिवादन।सुंदर और समसामयिक लघुकथा हुई है। हार्दिक बधाई।"
12 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"आदाब। प्रदत्त विषय को एक दिलचस्प आयाम देते हुए इस उम्दा कथानक और रचना हेतु हार्दिक बधाई आदरणीया…"
12 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"आदरणीय शहज़ाद उस्मानी जी, आपकी टिप्पणी के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। शीर्षक लिखना भूल गया जिसके लिए…"
13 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"समय _____ "बिना हाथ पाँव धोये अन्दर मत आना। पानी साबुन सब रखा है बाहर और फिर नहा…"
14 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"हार्दिक स्वागत मुहतरम जनाब दयाराम मेठानी साहिब। विषयांतर्गत बढ़िया उम्दा और भावपूर्ण प्रेरक रचना।…"
19 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
" जय/पराजय कालेज के वार्षिकोत्सव के अवसर पर अनेक खेलकूद प्रतियोगिताओं एवं साहित्यिक…"
19 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"हाइमन कमीशन (लघुकथा) : रात का समय था। हर रोज़ की तरह प्रतिज्ञा अपने कमरे की एक दीवार के…"
20 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"आदाब। हार्दिक स्वागत आदरणीय विभारानी श्रीवास्तव जी। विषयांतर्गत बढ़िया समसामयिक रचना।"
20 hours ago
vibha rani shrivastava replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
""ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123विषय : जय/पराजय आषाढ़ का एक दिन “बुधौल लाने के…"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service