आओ वालमार्ट
स्वागत है आपका
अपनी कमज़ोर हो रही
अर्थव्यवस्था को
मज़बूत करने
आओ
हमारी मज़बूत होती
अर्थव्यवस्था को
कमज़ोर करने
आओ
हमने आपके हथियार नहीं लिए
इस नुक्सान की भरपायी के लिए
नयी संभावनाओं को तलाशने
आओ
किसानों के पसीने निचोड़ने
गरीब जनता का ख़ून चूसने
आओ वालमार्ट
यूनियन कार्बाइड की याद
धुंधली पड़ चुकी है
तुम नयी यादें देने आओ
हमारे अनाजों को
हमारी मेहनत को
अपनी शर्तों में
छीनने आओ
अपने चालाक पैतरों से
भोली-भाली जनता को
ठगने आओ
आओ वालमार्ट
अपने पैसे की ताकत दिखाओ
Comment
देखिये अब अपने देश में क्या गुल खिलाते हैं वालमार्ट शब्दों में छुपी व्यंग्यात्मकता रचना से बाँध कर रखती है ,बधाई इस सामयिक रचना हेतु |
शानदार !!!
//अपने चालक पैतरों से// आप शायद चालाक लिखना चाह रहे थे , बहुत ही सामयिक रचना , बधाई स्वीकार करें |
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