एक ग़ज़ल प्रस्तुत कर रहा हूँ ...... गुरुजनों से अनुरोध है कृपया मार्गदर्शन किजिए
चांदनी आज फिर विदा होगी
रोशनी आज फिर फना होंगी
जब कभी रंग रोशनी होंगे
आपके हाथ में हिना होगी
दर्द दे आज फिर हमें मौला
दर्द की आज इन्तहा होगी
हो गया एक नज़्म का सौदा
शायरी देख कर खफा होगी
चूम लों आँख, सोख लों पानी
पास में आपके दुआ होगी
~अमितेष
Comment
बहुत ही ख़ूबसूरत!! मुबारकबाद अमितेश जी..
हो गया एक नज़्म का सौदा
शायरी देख कर खफा होगी ~~
हो गया एक नज़्म का सौदा
शायरी देख कर खफा होगी
आदरणीय अमी तेष जी, सादर
सुन्दर. बधाई.
paas aapke dua hogi....sunder
विशेष पोस्ट में ग़ज़ल शामिल करने का शुक्रिया
हो गया एक नज़्म का सौदा
शायरी देख कर ख़फ़ा होगी
बहुत ही ख़ूबसूरत शे'र... वाह.. मुबारकबाद अमितेश जी..
बढ़िया शेर निकले हैं सुन्दर प्रयास बहुत बहुत बधाई
जानकारी और मार्गदर्शन के लिये शुक्रिया वीनस भाई ....... ये आपके बिना नहीं हो पाता ..........
अमितेष जी,
May 28, 2011 के बाद आज December 16, 2012 को यहाँ आपके द्वारा ग़ज़ल पोस्ट देख कर कर सुखद अनुभूति हुई
निश्चित ही इस लंबे अंतराल में आपने ग़ज़ल के सन्दर्भ में गहरा ज्ञान अर्जित किया है | यह संयम ही आपके अंदर के शायर के लिए एक बेशकीमती दौलत है जो दूसरों के लिए एक उदाहरण बन कर सामने आया है
भाव आपके पास सदैव से है सबसे खुशी की बात यह है कि आपने बहरो-वज्न को साध लिया है अब कहन को साधने के क्रम में नियमित ग़ज़ल पोस्ट करते रहे
देखें धीरे धीरे सब कुछ समरस हो जायेगा
सादर शुभेच्क्षु
एक छोटे से इस्लाह के बाद ......
चांदनी आज फिर विदा होगी
रोशनी आज फिर फना होंगी
जब कभी रंग रोशनी होंगे
आपके हाथ में हिना होगी
दर्द दे आज फिर हमें मौला
दर्द की आज इन्तहा होगी
हो गया एक नज़्म का सौदा
शायरी देख कर खफा होगी
चूम लों आँख, सोख लों पानी
पास में आपके दुआ होगी
~अमितेष
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