For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

चाँद सितारों से लड़ना आसान नहीं

चाँद सितारों से लड़ना आसान नहीं
क्या होगा अब हश्र कोई अनुमान नहीं
वक़्त निभाएगा अपना दायित्व "अजय "
मेरे हांथों में अब कोई सामान नहीं................
.
जो बांटा करता है सबको जीवन रस ,
पीने को बस गरल मिला केवल उसको
जो पथ पर तेरे फूलों का बना बिछौना ,
काँटों का इक सेज मिला केवल उसको
कैसी हैं हम सन्तति , हम पूत कहा के ,
बचा सके इक जननी का सममान नहीं
वक़्त निभाएगा अपना दायित्व "अजय "
मेरे हांथों में अब कोई सामान नहीं ...................

.
जब फूलों की गंध भयाकुल हो जायेगी
जब दरिया को बहने से डर व्यापेगा
जब ओंस की बूँदें सहमी सहमी रोयेंगी
जब किरणों पर अनजाना सा भार रहेगा
हम रखवाली कर न सकेंगे सुबह की जब
कितना होगा अंधकार ये ज्ञान नहीं
वक़्त निभाएगा अपना दायित्व "अजय "
मेरे हांथों में अब कोई सामान नहीं......................
 ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
अप्रकाशित/अमुद्रित
सर्वाधिकार - अजय कुमार शर्मा

Views: 339

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by seema agrawal on January 2, 2013 at 9:51pm

वक़्त निभाएगा अपना दायित्व "अजय "
मेरे हांथों में अब कोई सामान नहीं.....बहुत खूब 

रचना पर थोड़ा ध्यान देंगे तो प्रवाह और लय निखरेगी ...शुभकामनाएं 

Comment by Ashok Kumar Raktale on December 31, 2012 at 8:38pm

जब फूलों की गंध भयाकुल हो जायेगी
जब दरिया को बहने से डर व्यापेगा
जब ओंस की बूँदें सहमी सहमी रोयेंगी
जब किरणों पर अनजाना सा भार रहेगा
हम रखवाली कर न सकेंगे सुबह की जब
कितना होगा अंधकार ये ज्ञान नहीं
वक़्त निभाएगा अपना दायित्व "अजय "
मेरे हांथों में अब कोई सामान नहीं......................सच बहुत भयानक तम होगा.

सुन्दर रचना आदरणीय अजय जी बधाई स्वीकारें.

Comment by Dr.Ajay Khare on December 31, 2012 at 4:24pm

manniy hamnaam badhai

Comment by Shyam Narain Verma on December 31, 2012 at 11:43am

BAHOT KHOOB..........................

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"गजल**किसी दीप का मन अगर हम गुनेंगेअँधेरों    को   हरने  उजाला …"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आ. भाई भिथिलेश जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर उत्तम रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"दीपोत्सव क्या निश्चित है हार सदा निर्बोध तमस की? दीप जलाकर जीत ज्ञान की हो जाएगी? क्या इतने भर से…"
14 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"धन्यवाद आदरणीय "
17 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"ओबीओ लाइव महा उत्सव अंक 179 में स्वागत है।"
17 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"स्वागतम"
17 hours ago
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
18 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' left a comment for मिथिलेश वामनकर
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। जन्मदिन की शुभकामनाओं के लिए हार्दिक आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन।गजल पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार।"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, करवा चौथ के अवसर पर क्या ही खूब ग़ज़ल कही है। इस बेहतरीन प्रस्तुति पर…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२१२२/२१२२/२१२२ **** खुश हुआ अंबर धरा से प्यार करके साथ करवाचौथ का त्यौहार करके।१। * चूड़ियाँ…See More
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post गहरी दरारें (लघु कविता)
"आदरणीय सुरेश कुमार कल्याण जी, प्रस्तुत कविता बहुत ही मार्मिक और भावपूर्ण हुई है। एक वृद्ध की…"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service