हंसबैंड
बिल शोपिंग का देते –देते, जिसकी ढीली हो गई पेंट
फिर भी हंसते हंसते जो , खुद की बजवाये बैण्ड ...
उसको कहते है हंसबैंड, की भईया कहते है हंसबैंड,
भोर भई जब सोते सोते बीबी बोले डार्लिंग,
देखो बाहर सूरज निकला, हो गई है गुड मार्निग.
यदि पटाये करके ऐसी प्यारी प्यारी टाकिंग
फिर समझ लो आज किचन मे बीबी देखेगी टैलेण्ट । की भईया देखेगी टैलेण्ट
फिर भी हंसते हंसते जो , खुद की बजवाये बैण्ड ...
उसको कहते है हंसबैंड, की भईया कहते है हंसबैंड,
हर महिने के पहले हफ़्ता, बीवी करें इंतजार,
फिर पूरे महिने मे पीछे, घूमो सारा बाजार..
यदि कर दिया गलती मे होटल से इंकार .
फिर समझ लो घर के बाहर लगेगा उसका टेंट । की भईया लगेगा उसका टेंट
फिर भी हंसते हंसते जो , खुद की बजवाये बैण्ड ...
उसको कहते है हंसबैंड, की भईया कहते है हंसबैंड,
घंटो-घंटों मेकअप करके, करती है टाइम खराब,
गर तारीफ मे रही कमी,तो फिर देखो जनाब
तानो की बारिस होगी, और आंसु का सैलाब
फिर समझ लो उनके आंगे जोडने होंगे हैंड । की भईया जोडने होंगे हैंड
फिर भी हंसते हंसते जो , खुद की बजवाये बैण्ड ...
उसको कहते है हंसबैंड, की भईया कहते है हंसबैंड,
घर आये जो साला साली बदले मैडम के ढंग
दो चार दिन मे आप को, राजा से कर दे रंक
आये आतिथि जो ससुराल से, तो बदले चेहरे का रंग
फिर समझ लो बात बात पे बीबी मारे करेंट । की भईया बीबी मारे करेंट
फिर भी हंसते हंसते जो , खुद की बजवाये बैण्ड ...
उसको कहते है हंसबैंड, की भईया कहते है हंसबैंड,
Comment
हाहाहा..हाहाहा... हँसी हँसी में हसबैंड का सारा दुखड़ा पेश कर दिया भाई बसंत नेमा जी
कथ्य हास्य से समृद्ध इस रचना पर हार्दिक बधाई.....
प्रवाह में बहुत अटकाव है, यदि इसपर भी कुछ विशेष ध्यान दें तो रचना बहुत निखर उठेगी.
शुभकामनाएं
बसंत नेमा जी इतनी सुन्दर हास्य रचना हेतु बहुत -बहुत बधाई।
घर आये जो साला साली बदले मैडम के ढंग
दो चार दिन मे आप को, राजा से कर दे रंक
आये आतिथि जो ससुराल से, तो बदले चेहरे का रंग
फिर समझ लो बात बात पे बीबी मारे करेंट । की भईया बीबी मारे करेंट
बहुत बहुत धन्यवाद ...और आभार आप लोगो ने मेरी रचना को सराहा .....
बसंत नेमा जी इतनी सुन्दर हास्य रचना हेतु बहुत -बहुत बधाई।
hasne par jiske lag jaye van halat jiski ho jaye band kahte hai usko husband sunder rachana nema ji badjai
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