तू ये ना समझना , तेरी याद ने रुलाया है ,
तेरी आँख का कोई आँसू है , मेरी आँख से आया है ,
तू ये ना समझना , तेरे खुशबू ने बुलाया है ,
हवा का कोई झोंका है , तेरे ज़िस्म को छू के आया है ,
तू ये ना समझना , तेरी आहट ने जगाया है ,
चाँद का कोई टुकड़ा है , खिड़की से उतर आया है ,
तू ये ना समझना , तेरी बात ने गुदगुदाया है ,
यादों का कोई मोती है , अनजाने हाथ आया है .
अश्क
"मौलिक व अप्रकाशित"
Comment
वाह! बहुत सुन्दर भाव प्रस्तुत करती रचना पर बहुत बहुत बधाई कुबुलें.
सुन्दर भाव आदरणीय अशोक जी |
Dr. Khare sir ,
thanx a lot for your appriciation ,
Regard ,
Ashok Katyal
dambh v pyaar ka bhav sunder badhai
बहुत बहुत आभार , कुंती जी , वर्मा जी ,
सादर
बहुत खूब अश्क जी .
bAHOT KHOOB..
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