For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

नियम : ३२ वर्ण लघु बिना मात्रा के ८,८,८,८ पर यति प्रत्येक चरण में .

 

प्रणय पवन बह, रस मन बरसत

बढ़त लहर जस, तन मन गद गद

चमक दमक बस, चलत नगर घर

पग पग हर पल, रहत मदन मद

 

मन भ्रमर चलत, उड़त गगन तक

इत उत भटकत, उठत बहत रह

प्रणय ललक वश, बहकत सम्हरत

चरफर महकत, चटक मटक रह

                 - बृजेश नीरज

Views: 593

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Ashok Kumar Raktale on April 28, 2013 at 9:35am

आदरणीय बृजेश नीरज जी सादर, सुन्दर डमरू घनाक्षरी रची है बहुत बहुत बधाई स्वीकारें. बिना मात्रा के छंद रचना बहुत जटिल कार्य है. आपने प्रशंसनीय छंद रचा है. दुसरे छंद में "सम्हरत" शायद उचित ना हो.गुरुजनों से अवश्य जानकारी कर लें.सादर. 

Comment by बृजेश नीरज on April 28, 2013 at 9:09am

आदरणीया कुन्ती जी आपका आभार!

Comment by coontee mukerji on April 27, 2013 at 11:58am

बहुत सुंदर ,  फिर वो दिन याद आ गये.नीरज जी .   सादर / कुंती .

Comment by बृजेश नीरज on April 26, 2013 at 10:14pm

आदरणीय मनोज भाई आपका आभार!

Comment by बृजेश नीरज on April 26, 2013 at 10:13pm

आदरणीय प्रदीप जी, आपका आभार! आपकी टिप्पणी सदैव मेरे लिए ऊर्जा का स्रोत होती है।

Comment by manoj shukla on April 26, 2013 at 8:36pm
बहुत ही सुन्दर रचना बधाई स्वीकार करें आदर्णीय
Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on April 26, 2013 at 3:39pm

आदरणीय ब्रजेश जी 

सुन्दर भाव से सजी रचना हेतु हार्दिक बधाई, 

सस्नेह 

Comment by बृजेश नीरज on April 26, 2013 at 2:57pm

आदरणीया कल्पना जी आपका हार्दिक आभार!

Comment by कल्पना रामानी on April 26, 2013 at 1:45pm

बहुत सुंदर ....

Comment by Shyam Narain Verma on April 26, 2013 at 1:14pm

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service