For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

जीवन में जिन्दगी का माँ एहसास हो तुम .........

तपती धुप धूप में
छाँव हो तुम
मेरे लिए
बहुत खास हो तुम
तुम्हारे एहसास भर से
दूर हो जाती है हैं मेरी
परेशानियाँ सारी
जीवन में जिन्दगी का
माँ एहसास हो तुम .........
दर्द में सुकून बन जाती हो
भूख न हो मुझे तब भी
खाना खिलाती हो .....
मैं बताऊ बताऊँबताउं बताऊँ तुम्हे परेशानी अपनी
बिन बताये ही माँ तुम मेरी
हर बात समझ जाती हो ...

Views: 825

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sonam Saini on May 10, 2013 at 3:07pm

आदरणीय सर जी नमस्कार
जी अब समझ आ गया .... पुनः आभार व धन्यवाद .

Comment by Sonam Saini on May 10, 2013 at 3:06pm

आदरणीय सीमा मैम नमस्कार व धन्यवाद

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on May 9, 2013 at 2:49pm

//हर बात जान जाती  हो//, 

//माँ के आलावा ?//

//कोई नहीं//

//माँ तुझे प्रणाम//

आदरणीया सोनम जी , अभी न समझ आये तो फिर विस्तार देना पड़ेगा. 

सस्नेह 

Comment by seema agrawal on May 9, 2013 at 2:24pm

माँ को समर्पित आपकी इस खूबसूरत रचना के लिए बहुत बहुत बधाई सोनम जी 

Comment by Sonam Saini on May 9, 2013 at 1:37pm

धन्यवाद अरुण जी

Comment by Sonam Saini on May 9, 2013 at 1:36pm

आदरणीय राजेश मैम नमस्कार
प्रतिक्रिया हेतु धन्यवाद मैम

Comment by Sonam Saini on May 9, 2013 at 1:35pm

आदरणीय कुशवाहा सर जी नमस्कार
माफ़ी चाहूंगी लेकिन आपकी प्रतिक्रिया का अर्थ मैं समझ नही पाई ...

Comment by अरुन 'अनन्त' on May 9, 2013 at 1:12pm

सोनम जी माँ होती ही कुछ ऐसी हैं, बिना कुछ कहे, बिना कुछ सुने सारी बातें समझ जाती हैं. माँ तो आखिर माँ है न. सुन्दर रचना पर हार्दिक बधाई सोनम जी

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on May 8, 2013 at 6:35pm

हर बात जान जाती  हो, 

मान के आलावा ?

कोई नहीं माँ तुझे प्रणाम 

बधाई,


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on May 8, 2013 at 11:01am

माँ के चरणों में ये शब्द पुष्प अच्छे लगे हार्दिक बधाई |

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
23 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
23 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
24 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
25 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
26 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
27 minutes ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
42 minutes ago
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
3 hours ago
Shyam Narain Verma commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
3 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी, बहुत धन्यवाद"
3 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी, बहुत धन्यवाद"
3 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी सादर नमस्कार। हौसला बढ़ाने हेतु आपका बहुत बहुत शुक्रियः"
3 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service