For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

जीवन में जिन्दगी का माँ एहसास हो तुम .........

तपती धुप धूप में
छाँव हो तुम
मेरे लिए
बहुत खास हो तुम
तुम्हारे एहसास भर से
दूर हो जाती है हैं मेरी
परेशानियाँ सारी
जीवन में जिन्दगी का
माँ एहसास हो तुम .........
दर्द में सुकून बन जाती हो
भूख न हो मुझे तब भी
खाना खिलाती हो .....
मैं बताऊ बताऊँबताउं बताऊँ तुम्हे परेशानी अपनी
बिन बताये ही माँ तुम मेरी
हर बात समझ जाती हो ...

Views: 872

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sonam Saini on May 8, 2013 at 10:51am

आदरणीय अशोक जी नमस्कार , बहुत बहुत धन्यवाद सर जी ...

Comment by Sonam Saini on May 8, 2013 at 10:50am

जिनके पास इतनी प्यारी माँ हो वो बच्चे भी तो खुशकिस्मत होते हैं मैम .....शुक्रिया

Comment by Sonam Saini on May 8, 2013 at 10:48am

बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय केवल जी ....आभार प्रतिक्रिया हेतु

Comment by Sonam Saini on May 8, 2013 at 10:47am


धन्यवाद उषा जी .......आभार

Comment by Sonam Saini on May 8, 2013 at 10:47am

जी मैं ध्यान रखूंगी कुन्ती जी .......शुक्रिया मार्गदर्शन करने के लिए

Comment by Ashok Kumar Raktale on May 8, 2013 at 8:06am

सुन्दर रचना आदरणीय सोनम जी, सचमुच माँ ऐसी ही होती है. बहुत बहुत बधाई स्वीकारें.

Comment by Sarita Sinha on May 7, 2013 at 11:05pm

माँ के लिए बहुत प्यारी अभिव्यक्ति......बधाई...आपकी माँ
खुशकिस्मत हैं...

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on May 7, 2013 at 8:27pm

आ0 सोनम जी,   अतिसुन्दर भाव !  मां को श्रध्दा सुमन सहित-  बधाई स्वीकारें।  सादर,

Comment by Usha Taneja on May 7, 2013 at 6:31pm

प्रिय  Sonam Saini जी, माँ के प्रति सम्मान की बढ़िया भावना है. 

Comment by coontee mukerji on May 7, 2013 at 5:40pm

भाव अच्छा है , मगर अभिव्यक्ति की  कमी है , इसे और प्रभावशाली रूप दे सकती  है ......फिर  भी प्रयास सराहनीय है . /सादर / कुंती .

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

anwar suhail updated their profile
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Friday
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। पति-पत्नी संबंधों में यकायक तनाव आने और कोर्ट-कचहरी तक जाकर‌ वापस सकारात्मक…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब। सोशल मीडियाई मित्रता के चलन के एक पहलू को उजागर करती सांकेतिक तंजदार रचना हेतु हार्दिक बधाई…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार।‌ रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर रचना के संदेश पर समीक्षात्मक टिप्पणी और…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब।‌ रचना पटल पर समय देकर रचना के मर्म पर समीक्षात्मक टिप्पणी और प्रोत्साहन हेतु हार्दिक…"
Nov 30
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, आपकी लघु कथा हम भारतीयों की विदेश में रहने वालों के प्रति जो…"
Nov 30
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय मनन कुमार जी, आपने इतनी संक्षेप में बात को प्रसतुत कर सारी कहानी बता दी। इसे कहते हे बात…"
Nov 30
AMAN SINHA and रौशन जसवाल विक्षिप्‍त are now friends
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service