For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Sarita Sinha
  • Female
Share on Facebook MySpace

Sarita Sinha's Friends

  • अनिल कुमार 'अलीन'
  • Sumit Naithani
  • ajay yadav
  • Parveen Malik
  • अरुन 'अनन्त'
  • Yogi Saraswat
  • Rekha Joshi
  • डॉ. सूर्या बाली "सूरज"
  • Sonam Saini
  • MANISHI SINGH
  • arunendra mishra
  • SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR
  • Harish Bhatt
  • PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA
  • JAWAHAR LAL SINGH
 

Sarita Sinha's Page

Profile Information

Gender
Female
City State
up
Native Place
allahabad
Profession
homemaker
About me
wherever i go , i steal the show...

Sarita Sinha's Blog

मुआवज़ा दे दिया और काम ख़तम...

क़लम कोमा मे आ गयी है मेरी,

ब्रेनस्ट्रोक ज़बरदस्त लगा है इसको,

रगों मे दौड़ती स्याही पे बड़ा प्रेशर है,

क्या लिखे, क्या ना लिखे, कितना चले, कैसे चले,

सुना था तेज़ चलेगी ये तलवार से भी,

इस दफ़ा खुद ही कट के रह गयी ज़ुबान इसकी,…

Continue

Posted on March 5, 2013 at 4:30pm — 3 Comments

जागतीआँखें .. टूटते ख्वाब...

पत्थरों के शहर मे दिल ही टूटते थे अभी,

भरम भी टूट गया अब के, अच्छा ही हुआ..

दोस्ती लफ्ज़ से नफ़रत थी हमको पहले भी,

रहा सहा यकीं भी उठ गया अच्छा ही हुआ..

खुली थी आँखें फिर भी नींद आ गयी जाने,

तुमने झकझोर के जगा दिया अच्छा ही हुआ..

ज़मीन होती क़दम तले तो भला गिरते क्यों,

हवा मे उड़ने का अंजाम मिला अच्छा ही हुआ..

ख्वाब था या के हादसा था जो गुज़र ही गया,

यकीं से अपने यकीं उठ गया अच्छा ही हुआ..

यूँ भी मुर्दे पे सौ मन मिट्टी थी पहले से,

एक मन और पड़ गयी…

Continue

Posted on February 13, 2013 at 11:52pm — 16 Comments

कही अनकही...

ख्वाबों की दुकान से ख़रीदे थे अरमानो के बीज,

सोचा था रोपूँगी   एहसास की ज़मीं पे...
कहा था तुमसे सींच देना , क़द्र के पानी से अपने, 
कल जो देखा तो चिटक गयी थी…
Continue

Posted on June 14, 2012 at 3:30pm — 4 Comments

ऐसे ही बस..

(1)

जो ग़ालिब थे , मेरे जैसी ही उन पर भी गुज़रती थी,

अगर और जीते वो तो उनको क्या मिला होता....



डुबोया हम दोनों को अपने अपने जैसे होने ने,

वो न होते तो क्या होता , मैं न होती तो क्या…

Continue

Posted on May 18, 2012 at 2:30pm — 20 Comments

Comment Wall (4 comments)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

At 8:46pm on April 14, 2012, Admin said…

At 7:20am on April 13, 2012, JAWAHAR LAL SINGH said…

adarneey sarita bahan aapne sahee samjha hai.

copy paste kariye aur hindi ko badhawa deejiye!

At 5:06pm on April 8, 2012, PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA said…

snehi ish putri, sadar 

aapka ye comment maine apni profile par mera panna main dekha hai. aapke comment ke niche likha hai comment back. maine vahan click kiya aur vo sidhe le aaya aapki profile par. vaha box main ya aapke comment par pratikriya de raha hoon. aap mere blog par practical kar sakti hain . chama ki koi baat nahi. yahan ka vatavaran itna swaksh evam sukhad hai ki koi bura nahi manta, aur har prakar se madad karta hai chahen sathi lekhak ho ya obo prabandhan team. kisi ke bolg par yadi apko coment karna hai to vahin box main coment likhiye. yadi aapke blog par kisi ko dhanyvad gyapan karna hai to niche se shuru kijiye aur bari bari baox main uttar dijiye kam ho gaya.

apki badhai swikar hai, ye aap logon ke parishram evam sneh ka pratifal hai. asha hai aesa sneh banaye rakhengi.dhanyvad.

At 9:10pm on April 6, 2012, PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA said…

snehi, sarita ji, saadar aapka swagat evam hardik abhinandan. 

 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं।हार्दिक बधाई। भाई रामबली जी का कथन उचित है।…"
yesterday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"आदरणीय रामबली जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । बात  आपकी सही है रिद्म में…"
Tuesday
रामबली गुप्ता commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"बड़े ही सुंदर दोहे हुए हैं भाई जी लेकिन चावल और भात दोनों एक ही बात है। सम्भव हो तो भात की जगह दाल…"
Monday
रामबली गुप्ता commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"हार्दिक आभार भाई लक्ष्मण धामी जी"
Monday
रामबली गुप्ता commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"हार्दिक आभार भाई चेतन प्रकाश जी"
Monday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आदरणीय, सुशील सरना जी,नमस्कार, पहली बार आपकी पोस्ट किसी ओ. बी. ओ. के किसी आयोजन में दृष्टिगोचर हुई।…"
Sunday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . . रिश्ते
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय "
Sunday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार "
Sunday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . संबंध
"आदरणीय रामबली जी सृजन के भावों को आत्मीय मान से सम्मानित करने का दिल से आभार ।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर छंद हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
Sunday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"रोला छंद . . . . हृदय न माने बात, कभी वो काम न करना ।सदा सत्य के साथ , राह  पर …"
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service