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Sarita Sinha
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Gender
Female
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up
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allahabad
Profession
homemaker
About me
wherever i go , i steal the show...

Sarita Sinha's Blog

मुआवज़ा दे दिया और काम ख़तम...

क़लम कोमा मे आ गयी है मेरी,

ब्रेनस्ट्रोक ज़बरदस्त लगा है इसको,

रगों मे दौड़ती स्याही पे बड़ा प्रेशर है,

क्या लिखे, क्या ना लिखे, कितना चले, कैसे चले,

सुना था तेज़ चलेगी ये तलवार से भी,

इस दफ़ा खुद ही कट के रह गयी ज़ुबान इसकी,…

Continue

Posted on March 5, 2013 at 4:30pm — 3 Comments

जागतीआँखें .. टूटते ख्वाब...

पत्थरों के शहर मे दिल ही टूटते थे अभी,

भरम भी टूट गया अब के, अच्छा ही हुआ..

दोस्ती लफ्ज़ से नफ़रत थी हमको पहले भी,

रहा सहा यकीं भी उठ गया अच्छा ही हुआ..

खुली थी आँखें फिर भी नींद आ गयी जाने,

तुमने झकझोर के जगा दिया अच्छा ही हुआ..

ज़मीन होती क़दम तले तो भला गिरते क्यों,

हवा मे उड़ने का अंजाम मिला अच्छा ही हुआ..

ख्वाब था या के हादसा था जो गुज़र ही गया,

यकीं से अपने यकीं उठ गया अच्छा ही हुआ..

यूँ भी मुर्दे पे सौ मन मिट्टी थी पहले से,

एक मन और पड़ गयी…

Continue

Posted on February 13, 2013 at 11:52pm — 16 Comments

कही अनकही...

ख्वाबों की दुकान से ख़रीदे थे अरमानो के बीज,

सोचा था रोपूँगी   एहसास की ज़मीं पे...
कहा था तुमसे सींच देना , क़द्र के पानी से अपने, 
कल जो देखा तो चिटक गयी थी…
Continue

Posted on June 14, 2012 at 3:30pm — 4 Comments

ऐसे ही बस..

(1)

जो ग़ालिब थे , मेरे जैसी ही उन पर भी गुज़रती थी,

अगर और जीते वो तो उनको क्या मिला होता....



डुबोया हम दोनों को अपने अपने जैसे होने ने,

वो न होते तो क्या होता , मैं न होती तो क्या…

Continue

Posted on May 18, 2012 at 2:30pm — 20 Comments

Comment Wall (4 comments)

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At 8:46pm on April 14, 2012, Admin said…

At 7:20am on April 13, 2012, JAWAHAR LAL SINGH said…

adarneey sarita bahan aapne sahee samjha hai.

copy paste kariye aur hindi ko badhawa deejiye!

At 5:06pm on April 8, 2012, PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA said…

snehi ish putri, sadar 

aapka ye comment maine apni profile par mera panna main dekha hai. aapke comment ke niche likha hai comment back. maine vahan click kiya aur vo sidhe le aaya aapki profile par. vaha box main ya aapke comment par pratikriya de raha hoon. aap mere blog par practical kar sakti hain . chama ki koi baat nahi. yahan ka vatavaran itna swaksh evam sukhad hai ki koi bura nahi manta, aur har prakar se madad karta hai chahen sathi lekhak ho ya obo prabandhan team. kisi ke bolg par yadi apko coment karna hai to vahin box main coment likhiye. yadi aapke blog par kisi ko dhanyvad gyapan karna hai to niche se shuru kijiye aur bari bari baox main uttar dijiye kam ho gaya.

apki badhai swikar hai, ye aap logon ke parishram evam sneh ka pratifal hai. asha hai aesa sneh banaye rakhengi.dhanyvad.

At 9:10pm on April 6, 2012, PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA said…

snehi, sarita ji, saadar aapka swagat evam hardik abhinandan. 

 
 
 

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