For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

MANISHI SINGH
Share on Facebook MySpace

MANISHI SINGH's Friends

  • Sarita Sinha
  • PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA
  • JAWAHAR LAL SINGH
  • राकेश त्रिपाठी 'बस्तीवी'
  • MAHIMA SHREE
  • CA (Dr.)SHAILENDRA SINGH 'MRIDU'
  • आशीष यादव

MANISHI SINGH's Groups

 

MANISHI SINGH's Page

Profile Information

Gender
Female
City State
UTTAR PRADESH
Native Place
lucknow
Profession
HOUSE WIFE
About me
TALASH EK ASMAAN KI

MANISHI SINGH's Blog

लायेगा अब कौन सुराज

आजाद था भारत पहले से कब गुलामी की  बेड़ियों में जकड़ा था 
सोच हमारी थी गलत फिर भी  न बदली  इसी बात का  रगडा था 
था सोने की चिड़िया भारत देश कहते अब भी है  इनकार नहीं 
पहले था  लूटा विदेशियों ने अब लूटते  वो जिनके घर बार यहीं 
हमेशा पूजा लुटेरों को निज स्वारथ घर भेदी बन सत्कार किया …
Continue

Posted on April 10, 2012 at 6:27pm — 13 Comments

Comment Wall (9 comments)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

At 11:56am on August 20, 2015,
सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर
said…

ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार की ओर से आपको जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनायें...

At 12:19pm on August 19, 2012, DEVKI SHARMA said…

I LIKE, VERY NICE

At 10:31pm on June 26, 2012, Raj Kumar Rohilla said…

bahut achcha likha hai,halaat ab kis kadra havi hain hamare jajbaton par aapki kavita me saaf jhlakta hai.

badhahi aapko.

At 8:41pm on April 14, 2012, Admin said…

At 3:37pm on April 13, 2012, SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR said…

 सिकंदर अकबर क्यों हुए महान गाते गीतों में क्यों  लुटेरो की कहानी 

पुरु वीर शिवा  मंगल पाण्डेय आजाद भगत वीर सुभाष  सच्चे बलिदानी 
कैसे कह दें कि आजाद हैं हम अपने बलिदानी तक  जिन्हें  हैं याद नहीं 
लायेगा अब कौन सुराज ऐसे रहनुमाओं से करेगा कोई फरियाद नहीं ..
मनीषी जी सुन्दर रचना ---सच है गुलामी की जंजीरें पूरी तरह कहाँ छूटीं....अच्छाइयों का नाम लिखते बुराइयां भी साथ रह जाती हैं ....
भ्रमर ५  
At 10:37pm on April 11, 2012, Sarita Sinha said…

manishi ji namaskar,

pahli bar ap koo padh rahi hu.bahut achche bhav hain...badhai...

At 12:22pm on April 10, 2012, CA (Dr.)SHAILENDRA SINGH 'MRIDU' said…

साहित्यिक मंच ओ बी ओ पर ह्रदय से स्वागत है आपका

At 12:18pm on April 10, 2012, Er. Ambarish Srivastava said…

साहित्य उत्थान के क्षेत्र में  नैमिष-क्षेत्र की इस पावन धरती का विशेष योगदान है ! उसी क्षेत्र के समीप लखनऊ में पल्लवित हुई इस प्रतिभा का ओ बी ओ की धरती पर स्वागत है | शुभकामनाएं !

At 11:50am on April 10, 2012, PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA said…

सुन्दर विचारों की धरती पर आपका स्वागत है. साहित्य सृजन की विधा में पारंगत होने का महा विद्द्यालय है. पुष्पित एवं पल्लवित होइए. शुभ कामना .

 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"कहें अमावस पूर्णिमा, जिनके मन में प्रीत लिए प्रेम की चाँदनी, लिखें मिलन के गीतपूनम की रातें…"
17 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"दोहावली***आती पूनम रात जब, मन में उमगे प्रीतकरे पूर्ण तब चाँदनी, मधुर मिलन की रीत।१।*चाहे…"
yesterday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"स्वागतम 🎉"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

१२२/१२२/१२२/१२२ * कथा निर्धनों की कभी बोल सिक्के सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के।१। * महल…See More
Thursday
Admin posted discussions
Tuesday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Monday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण जी "
Jul 7
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण जी "
Jul 7
Chetan Prakash commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post घाव भले भर पीर न कोई मरने दे - लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"खूबसूरत ग़ज़ल हुई, बह्र भी दी जानी चाहिए थी। ' बेदम' काफ़िया , शे'र ( 6 ) और  (…"
Jul 6
Chetan Prakash commented on PHOOL SINGH's blog post यथार्थवाद और जीवन
"अध्ययन करने के पश्चात स्पष्ट दृष्टिगोचर होता है, उद्देश्य को प्राप्त कर ने में यद्यपि लेखक सफल…"
Jul 6

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh commented on PHOOL SINGH's blog post यथार्थवाद और जीवन
"सुविचारित सुंदर आलेख "
Jul 5

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post घाव भले भर पीर न कोई मरने दे - लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"बहुत सुंदर ग़ज़ल ... सभी अशआर अच्छे हैं और रदीफ़ भी बेहद सुंदर  बधाई सृजन पर "
Jul 5

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service