For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

सोच जनता की नहीं आपके आचरण की बदलनी होगी..

कॉंग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने सुप्रीम कोर्ट की उस टिपण्णी पर ऐतराज़ जताया है की सी बी आई को 'तोता' क्यों कहा? यहाँ दिग्गी राजा का कहना सही लगता है की सुप्रीम कोर्ट को टिपण्णी करने के बजाय फैसला देकर जवाबदेही तय करना चाहिए. दरअसल पिछले कुछ समय से आम जनता भी महसूस कर रही है की कोर्ट की सरकारों को दी जाने वाली बार-बार लताड़ का नतीजा आखिर क्या निकलता है. इससे तो आम सन्देश ये भी जा रहा है की कोर्ट द्वारा सख्त टिप्पणियों को करने के बाद भी देश में भ्रष्टाचार, जघन्य अपराधों में कोई कमी नहीं आ रही है.
हमारे देश में न्यायालय और भारतीय सेना भी संसद की तरह ही सम्मानीय और आदरणीय है. लेकिन जब कभी इनके आचरण में मनमानी, लापरवाई, भ्रष्टाचार, और अन्याय की बात सामने आती है तब आम जनता का सोच खिन्न हो जाता है. सेना खरीद - फरोख्त और निर्माणों में भारी कमीशन खाए और घटिया क्वालिटी परोसे तब क्या देश की जनता से उम्मीद की जा सकती है की भारतीय सेना को आदर की निगाह से ही देखती रहे? [ उदहारण के लिए मैंने अपने शहर महू छावनी में सेना और सिविल के बीच भरी भेदभाव देखा है जिसे आम जनता भी लम्बे समय से भोग रही है. ६० सालों में भी देश का रक्षा मंत्रालय यदि सिविल एरिया बढ़ने की अनुमति न दे, हजारों की संख्या वाली सेना आबादी को लाख की संख्या वाले सिविल इलाके से चार गुना पेयजल सप्लाय किया जाय तो आम सिविलियन से कैसे अपेक्षा की जाती है की वो सेना की इज्ज़त करे ? ] देश के आम न्यायालयों में तारिख बढ़ाने, फाईल को ऊपर रखने आदि के लिए न्यायाधीश के सामने ही कोर्ट कर्मचारी रूपए वसूले तब आम जनता की निगाह में न्यायालय की क्या गरीमा रह जाती है? संसद में बैठकर सांसद जन-मुद्दों की अनदेखी करे, जानवरों की तरह एक-दूसरे पर कीचड उछाले, तब जनता उसी संसद की गरीमा के बारे में क्या सोच रख सकती है? इसलिए बहुत ज़रूरी है की न्यायालय, संसद, सेना भी अपनी गरीमा रहे, अपनी इज्ज़त का फालूदा खुद न बनाये, तभी देश की आम जनता से आप बेहतर सोच की उम्मीद कर सकते हैं.

Views: 336

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by सतवीर वर्मा 'बिरकाळी' on May 16, 2013 at 8:15pm
आपने सही कहा कि सेना और न्यायालयों को अपनी गिरेबान में झांकना चाहिए। लेकिन जब तक वो कार्यपालिका के कार्यकलापों पर सख्त टिप्पणियाँ न करेगी तो कार्यपालिका को ये कैसे पता चलेगा कि वो कितना गलत कर रही है।
Comment by shalini kaushik on May 15, 2013 at 2:07am

 .पूर्णतया सहमत बिल्कुल सही कहा है आपने

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Gajendra shrotriya replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"//ज़िन्दगी में रूठ जाए मीत अपना जब कभीतो मनाने को उसे मनुहार भी करते रहे// मतले सहित ये शेर बहुत…"
2 minutes ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय अजय अजेय जी,  आपकी प्रस्तुति और इसके शेरों के कहन पर मेरे पहुँचने तक अच्छी-खासी चर्चा…"
5 minutes ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"शुक्रिया गजेन्द्र भाई जी।"
1 hour ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"बहुत बहुत आभार आदरणीय गिरिराज जी"
1 hour ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय तिलक राज जी, ग़ज़ल पर आने, उसे अपने बेहतरीन सुझावों से समृद्ध करने और हौसला बढ़ाने के लिए आपका…"
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"कोई कमी नहीं है तपस्या में, आदरणीय। अलबत्ता उत्साह के प्रवाह में युवासुलभ तीव्रता है जो ज्ञान की…"
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"बहुत खूब! सही बात!! "
1 hour ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"सहमत हूँ। "
1 hour ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"अभी तो समय है। 5 शेर कहना भी र्पाप्त होगा।"
1 hour ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"जब 'अहिल्या का किसी' कहा जाये तो अर्थ सांदर्भिक अहिल्या विशेष से हटकर एक प्रतीक भर रह…"
1 hour ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"चर्चा पर विराम के उपरॉंत मेरा कुछ कहना उचित नहीं, बस एक बात जिस पर सबकी सहमति होगी, यह है…"
1 hour ago
Gurpreet Singh jammu replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"वाह क्या माहौल है, क्या ख़ूब चर्चा हो रही है रचनाओं पर। बहुत समय बाद ऐसा माहौल देखा ओ. बी. ओ. पर,…"
3 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service