जो गीत ह्रदय से निकला हो , कागज़ पे लिखो बेमानी है ।
वो गीत ह्रदय पर लिखना, ही जीवन की प्रेम कहानी है |
जब दिल में प्रेम उमड़ता है, आँखों से आंसू बहते हैं ,
मोती हैं समझने वालों को, नासमझो को तो पानी है ।
हर प्रेमी अपने प्रियतम को, हर हाल में पान चाह रहा ,
नासमझ भला ये क्या जाने, प्रेम तो तो एक कुर्बानी है ।
जब प्रेम दिलों में फूटे तो, वो सबके लिए बराबर हो ,
पर प्रेम में भेद भी होता है, इस बात पे ही है हैरानी है ।
जब गीत मोहब्बत ने गाये, ढाये हैं सितम ज़माने ने ,
फूलों की राहो में काँटे ,दुनिया की रीत पुरानी है ।
जिस प्रेम में उठती मांग रहे , उसे वासना ही समझो ,
गहरी समझ समर्पण की , प्रेम की यही निशानी है ।
नीरज
Comment
बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय अशोक कुमार जी
बहुत बहुत आभार आदरणीय राजेश पाण्डेय जी
आदरणीय नीरज जी सुन्दर प्रवाहमयी रचना बहुत बहुत बधाई स्वीकारें अंतिम बंद के प्रथम पद में भाव अधूरे हैं. "प्रेम तो तो एक कुर्बानी है" शायद टंकन त्रुटी है.
सुन्दर प्रयास के लिए बहुत-बहुत बधाइयाँ ...
शुभेच्छाएँ
अभिनव आरुण जी बहुत बहुत धन्यवाद
जवाहरलाल जी बहुत बहुत धन्यवाद
केवल प्रसाद जी बहुत बहुत आभार
आदरणीय प्राची जी आपकी बातों का अगली रचनाओं में ध्यान रखूंगा
साभार बहुत बहुत धन्यवाद
सादर
धन्यवाद प्रियंका जी
साभार आदरणीय मीना जी
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