!! ये यादे !!
कभी होठो पे हँसी लाती है ये यादे ।
कभी आंखो मे नमी लाती है ये यादे ।।
कभी माशूक कभी मासूम सी होती है ये यादे ।
बडी मस्खरी वहरुपिया होती है ये यादे ।।
नजाकत वक्त की न माहौल देखती है ये यादे ।
बेतख्लुफ बेशरम सी होती है ये यादे ।।
बन्द रखता हू मै अपने घर की, खिडकिया दरवाजे ।
फिर भी न जाने कहाँ से, चली आती ये यादे ।।
भूलना चाहो तो और याद आती है ये यादे ।
तन्हाईयो मे और भी तडफती है ये यादे ।।
कभी जीने की वजह होती है ये यादे ।
कभी मरने का बहाना होती है ये यादे ।।
साथ उजालो मे देते है अपने ये साये |
अन्धेरो मे साथ देती है ये यादे ।।
निशाँ यादो के मिट जाये, पर नही मिटती है ये यादे ।
दूर जितना भी भागो, पीछे चली आती है ये यादे ॥
वक्त रुखसत के आंखो मे उतर आती है ये यादे ।
आईना तेरे करमो का होती है ये यादे ।।
"मौलिक व अप्रकाशित"
Comment
आ0 विजय श्री जी यादो की याद मे शमिल होने के लिये बहुत बहुत शुक्रिया ..आभार
आ0 सुमित जी यादो के सफर मे साथ आने के लिये बहुत बहुत शुक्रिया ..आभार
ये यादें (y) बहुत ही सुंदर
कभी होठो पे हँसी लाती है ये यादे ।
कभी आंखो मे नमी लाती है ये यादे ।।
बन्द रखता हू मै अपने घर की, खिडकिया दरवाजे ।
फिर भी न जाने कहाँ से, चली आती ये यादे ।।
वक्त रुखसत के आंखो मे उतर आती है ये यादे ।
आईना तेरे करमो का होती है ये यादे ।।
यादों का खुबसूरत चित्रण
आ. कुंती जी रचना को मान देने के लिये धन्यवाद और आभार .....
आ. श्री जितेन्द्र जी .श्री अबिद अली जी बहुत बहुत धन्यवाद आप को रचना पसन्द आई उसके लिये आभार
बन्द रखता हू मै अपने घर की, खिडकिया दरवाजे ।
फिर भी न जाने कहाँ से, चली आती ये यादे ।।.........क्या करें इन यादों का जो बार बार मन को तड़पाता है. मैं समझती हूँ इंसान अपनी यादों से कभी नहीं भाग सकता .आपने बहुत अच्छा लिखा है .
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