For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

’’वेगवती छन्द’’

इसमें विषम चरण में तीन सगण-(112) तथा एक गुरू-(2) तथा
सम चरण में तीन भगण-(211) तथा दो गुरू-(22) होते हैं।

.1.
कण कारक ज्यों मन कृष्णा। कारण कृष्ण कमाल सुतृष्णा।
जन.लोक अतीव नसाना। घोर. विरोध सजाय मसाना।।
जगती तल-अम्बर-वर्षा। बाढ़-हुताशन ज्यों यम हर्षा।
अब तो मन सोच सुकर्मा। कार्य सुहाय अघोर.विकर्मा।।


.2.
मन राम सुनाम विचारो। मानव से नित प्यार सॅवारो।
वन-बाग-सुभाष सुधारो। कर्म-सुधर्म  सदा मन धारो।।
रख हाथ मशाल जला री। सोच मना कित काम पधारी।
कर  याद  सुदर्शन धारी। दाह  करे  तम संकट  भारी।।


के0पी0 सत्यम/ मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 671

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on June 24, 2013 at 7:56pm

आ0 सावित्री राठौर जी,  आपके स्नेह व उत्साहवर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार।  सादर,

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on June 24, 2013 at 7:55pm

आ0 गीतिका वेदिका जी,  आपके स्नेह व उत्साहवर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार।  सादर,

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on June 24, 2013 at 7:54pm

आ0 अरून शर्मा भाई जी,  आपके स्नेह  के लिए आपका हार्दिक आभार।  सादर,

Comment by Savitri Rathore on June 24, 2013 at 7:09pm

सुन्दर रचना ......बधाई हो,केवलप्रसाद जी !

Comment by वेदिका on June 24, 2013 at 4:11pm

वेगवती छंद ….बढ़िया प्रयास … शुभकामनायें आदरणीय केवल जी!

Comment by अरुन 'अनन्त' on June 24, 2013 at 11:49am

आदरणीय केवल भाई जी नित नए नए छंदों पर आपको प्रयास करते हुए देख अत्यंत प्रसन्नता होती है, ’’वेगवती छन्द’’ से परिचय करवाने हेतु एवं छंद पर प्रयास करने हेतु हार्दिक बधाई स्वीकारें.

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on June 22, 2013 at 9:51pm

आ0 माथुर सर जी,  आपके स्नेह  के लिए आपका हार्दिक आभार।  सादर,

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on June 22, 2013 at 9:50pm

आ0 कुन्ती मैम जी,  आपके स्नेह व उत्साहवर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार।  सादर,

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on June 22, 2013 at 9:49pm

आ0 बृजेश भाई जी,  आपके स्नेह के लिए आपका हार्दिक आभार।  सादर,

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on June 22, 2013 at 9:47pm

आ0 श्याम नारायण सर जी,  आपके स्नेह एवं आशीष के लिए आपका हार्दिक आभार।  सादर,

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
Apr 30
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Apr 29
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Apr 28
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Apr 28
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Apr 27
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
Apr 27
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Apr 27

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service