व्यथा!
तुम
मन के किबाड़े
खोलना मत
खोलना मत
सौ तरह के
व्यंग होगे
धूल धूसर
संग होंगे
भाव कोई गैर
अपनी
भावना में
घोलना मत
घोलना मत
व्यथा!
खुद से कहना
खुद ही सहना
तेरी
अंतर यातना
पर किसी से
बोलना मत
बोलना मत
व्यथा!
गीतिका 'वेदिका'
मौलिक एवम अप्रकाशित
Comment
आदरणीया मीना जी! आपका धन्यवाद बधाई हेतु।
आदरणीय नेमा भैया! आपकी उपस्थिति रचना पर हुयी।
आभार!
खुद से कहना
खुद ही सहना
तेरी
अंतर यातना
पर किसी से
बोलना मत
बोलना मत
व्यथा!
या दिल की सुनो दुनिया वालों
या मुझको अभी चुप रहने दो
बहुत सुन्दर भाव युक्त रचना , दिल में घर कर गयी , सादर बधाई
खुद से कहना
खुद ही सहना
तेरी
अंतर यातना
पर किसी से
बोलना मत
बोलना मत
व्यथा! ..................... बहुत सुन्दर गीतिका जी .. बधाई आप को
आदरणीया..गीतिका जी, ओबीओ का सक्रिय सदस्य की उपाधि मिलने पर बधाई आपकी रचना व्यथा की पंक्तियां ." खुद से कहना खुद ही सहना तेरी अंतर यातना." अति सुंदर व दिल को छूने वाली हैं..
आदरणीय अरुण जी! आपका आभार आपने रचना कर्म सराह के मुझे मनोबल प्रदान किया
आपका आभार आदरणीय ब्रिजेश जी! आपने रचना पर अपने विचार व्यक्त करके मेरा उत्साह वर्धन किया
आदरणीय वेदिका जी मन की व्यथा को सुन्दरता से व्यक्त किया है आपने मेरी ओर से हार्दिक बधाई स्वीकारें
बहुत सुन्दर प्रयास आपका! मेरी बधाई स्वीकारें!
आप का कहना सही है आदरणीय अमन जी! वरना अंदर ही अंदर व्यथा मनोमष्तिष्क को घोंट ही देती है
व्यथा को मन के किबाड़े खोल ही देना चाहिए
व्यथा!
तुम
मन के किबाड़े
खोलना मत
खोलना मत
कविता के खाचे मे तो अति उत्तम कविता है आपकी |
पर वास्तविकता के धरातल पर व्यथा! तो कम ही जब होती है जब खुले मे आये ,
आभार !
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online