For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ज़िंदा लेते लूट, लाश ने जान बचाई

खानापूरी हो चुकी, गई रसद की खेप ।

खेप गए नेता सकल, बेशर्मी भी झेंप ।

बेशर्मी भी झेंप, उचक्कों की बन आई ।

ज़िंदा लेते लूट, लाश ने जान बचाई ।

भूखे-प्यासे भटक, उठा दुनिया से दाना ।

लाशें रहीं लटक, हिमालय मुर्दाखाना ॥

मौलिक/ अप्रकाशित

Views: 649

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on June 25, 2013 at 8:36pm

बहुत सुन्दर कुण्डलियाँ  सामयिक आदरणीय रविकर जी ..उत्तराखंड के दर्द को बयाँ  करती और    कटाक्ष के साथ ...यही है जमाना 

भ्रमर ५ ..
Comment by annapurna bajpai on June 25, 2013 at 8:19pm

आदरणीय रविकर जी बड़ी भाव पूर्ण पंक्तियाँ है मन द्रवित हो उठा ।


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on June 25, 2013 at 8:00pm

आदरणीय रविकर जी 

उत्तराखंड की त्रासदी से क्रंदित हृदय से लिखी गयी भावप्रवण कुंडलिया मर्मस्पर्शी है.

अंतिम पद  के विषम चरण की मात्रा एक बार पुनः जाँच लें 

सादर.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"आदरणीय गजेन्द्र जी नमस्कार  बहुत शुक्रिया आपका  ग़ज़ल को निखारने का पुनः प्रयास करती…"
32 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"आदरणीय तिलक जी नमस्कार  बहुत शुक्रिया आपका, बेहतरी का प्रयास ज़रूर करूँगी  सादर "
34 minutes ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"ग़़ज़ल लिखूँगा कहानी मगर धीरे धीरेसमझ में ये आया हुनर धीरे धीरे—कहानी नहीं मैं हकीकत…"
1 hour ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"नहीं ऐसी बातें कही जाती इकदम     अहद से तू अपने मुकर धीरे-धीरे  जैसा कि प्रथम…"
1 hour ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"मुझसे टाईप करने में ग़लती हो गयी थी, दो बार तुझे आ गया था। तुझे ले न जाये उधर तेज़ धाराजिधर उठ रहे…"
1 hour ago
Poonam Matia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"धन्यवाद  श्रोतिया जी....लगभग पाँच वर्ष बाद ओ बी ओ     पर अपनी हाज़िरी दी…"
2 hours ago
Poonam Matia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"जी, गिरह का शे'र    ग़ज़ल से अलग रहेगा बस यही अड़चन रोक रहीहै     …"
2 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
""पहुंचें" अन्य को आमंत्रित करता हुआ है इस वाक्य में, वह रखें तब भी समस्या यह है कि धीरे…"
2 hours ago
Gajendra shrotriya replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"अच्छे मिसरे बाँधे हैं अजय जी। परन्तु थोड़ा सा और तराशा जाए तो सभी अशआर और ज़ियादा चमकने लगेंगे। आपकी…"
3 hours ago
Gajendra shrotriya replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"सजावट से रौनक बढ़ेगी भले हीबनेगा मकाँ  से  ये  घर धीरे धीरे// अच्छा शेर है! अच्छे…"
3 hours ago
Gajendra shrotriya replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"अच्छी ग़ज़ल कही ऋचा जी। रदीफ़ की कठिनता ग़ज़लकार से और अधिक समय और मेहनत चाहती है। सभी मिसरो को और…"
3 hours ago
Gajendra shrotriya replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"सुलगता रहा इक शरर धीरे धीरेजलाता रहा वो ये घर धीरे धीरे// अच्छा मतला !! अन्य अशआर भी  अच्छे…"
4 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service