For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

चेहरे पर चेहरे जड़े हैं,

अक्स लोगों से बड़े हैं !

खो गई पहचान जब से 
जहाँ थे अब तक खड़े हैं !

अभी फूलों मे महक है 

इम्तहां आगे कड़े हैं !

ठोकरों से दोस्ती है ?
राह मे पत्थर पड़े हैं !

इन्हें कुछ कहना नहीं 
दर्द हैं ,चिकने घड़े हैं !
_______________प्रो. विश्वम्भर शुक्ल 

(मौलिक और अप्रकाशित )

Views: 627

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by MAHIMA SHREE on July 11, 2013 at 10:31pm

ठोकरों से दोस्ती है ?
राह मे पत्थर पड़े हैं !

इन्हें कुछ कहना नहीं 
दर्द हैं ,चिकने घड़े हैं... क्या बात है !! बहुत-२ बधाई आपको

Comment by प्रो. विश्वम्भर शुक्ल on July 11, 2013 at 10:28pm

स्नेही बंधु राजेश कुमार झा साहब ,आपकी प्रतिक्रया स्नेह से भरी मुझे भी निरुत्तर कर गई न ! आपका प्रेम यूँ ही बना रहे ,यही कामना है !

Comment by प्रो. विश्वम्भर शुक्ल on July 11, 2013 at 10:26pm

आपका हार्दिक आभार सराहनात्मक टिप्पणी के लिए सुश्री राजेश कुमारी जी !

Comment by प्रो. विश्वम्भर शुक्ल on July 11, 2013 at 10:21pm

गीतिका 'वेदिका' जी आपको हार्दिक धन्यवाद रचना पसंद करने के लिए !

Comment by प्रो. विश्वम्भर शुक्ल on July 11, 2013 at 10:20pm

वीनस केसरी जी 'गीतिका ' पसंद करने के लिए आभार आपका !

Comment by प्रो. विश्वम्भर शुक्ल on July 11, 2013 at 10:19pm

मित्र अरुन शर्मा 'अनंत' जी आपका स्नेहिल धन्यवाद है !

Comment by प्रो. विश्वम्भर शुक्ल on July 11, 2013 at 10:18pm

आपकी दृष्टि का आभार सौरभ पाण्डेय जी ,स्नेह सदैव प्रार्थित !


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on July 11, 2013 at 2:50pm

कविता भाव पसंद आये, आदरणीय.

Comment by अरुन 'अनन्त' on July 11, 2013 at 11:55am

बहुत ही सुन्दर गीतिका आदरणीय हार्दिक बधाई स्वीकारें.

Comment by वीनस केसरी on July 11, 2013 at 1:27am

सुन्दर गीतिका लिखी प्रोफ़ेसर साहब ...

हार्दिक बधाई

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"हम सपरिवार बिलासपुर जा रहे है रविवार रात्रि में लौटने की संभावना है।   "
2 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"कुंडलिया छंद +++++++++ आओ देखो मेघ को, जिसका ओर न छोर। स्वागत में बरसात के, जलचर करते शोर॥ जलचर…"
2 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"कुंडलिया छंद *********** हरियाली का ताज धर, कर सोलह सिंगार। यौवन की दहलीज को, करती वर्षा पार। करती…"
3 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"स्वागतम्"
12 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण भाई अच्छी ग़ज़ल हुई है , बधाई स्वीकार करें "
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"आदरणीय सुरेश भाई , बढ़िया दोहा ग़ज़ल कही , बहुत बधाई आपको "
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीया प्राची जी , ग़ज़ल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका हार्दिक आभार "
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"सभी अशआर बहुत अच्छे हुए हैं बहुत सुंदर ग़ज़ल "
Wednesday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

पूनम की रात (दोहा गज़ल )

धरा चाँद गल मिल रहे, करते मन की बात।जगमग है कण-कण यहाँ, शुभ पूनम की रात।जर्रा - जर्रा नींद में ,…See More
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी

वहाँ  मैं भी  पहुंचा  मगर  धीरे धीरे १२२    १२२     १२२     १२२    बढी भी तो थी ये उमर धीरे…See More
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , उत्साह वर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार "
Monday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"आ.प्राची बहन, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार।"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service