देख कर सावन को
आँखे भर आती हैं
क्या पता सावन भी
किसी की याद मे रोता होगा
मेरी ही तरह करता होगा
इंतज़ार किसी का ….
टूट जाने पर वादा
मेरी ही तरह रोता होगा
क्या पता सावन भी
सावन में किसी के लिए
तरसता होगा ………
करके वादा गया होगा कोई
लौट कर आऊंगा उस महीने में
जिसमे बरसात होगी ……
ऐ मेरे चाहने वाले
अब तो तुमसे
बरसात में ही मुलाक़ात होगी
टूटता होगा वादा तो
दिल भी टूट जाता होगा
दर्द के रहम-ओ-करम से फिर
महीने भर सावन भी
नीर बहाता होगा …
क्या पता मेरी ही तरह सावन भी
सावन में किसी के लिए
तड़पता होगा ………….!!!
मौलिक व अप्रकाशित रचना
सोनम सैनी
Comment
जीतेन्द्र जी, आशुतोष मिश्रा जी, जवाहर सर व महिमा जी आप सभी का रचना को लिए धन्यवाद।
धन्यवाद अभिनव अरुण जी
अब तो तुमसे
बरसात में ही मुलाक़ात होगी
टूटता होगा वादा तो
दिल भी टूट जाता होगा
दर्द के रहम-ओ-करम से फिर
महीने भर सावन भी
नीर बहाता होगा … क्या बात है प्रिय सोनम जी ...बहुत ही सुंदर ...बधाई आपको
टूटता होगा वादा तो
दिल भी टूट जाता होगा
दर्द के रहम-ओ-करम से फिर
महीने भर सावन भी
नीर बहाता होगा …
क्या पता मेरी ही तरह सावन भी
सावन में किसी के लिए
तड़पता होगा ………….!!!
जरूर रोता होगा!....
sonam jee ..bhavo se bharee is shandaar rachna ke liye badhayee sweekarein
सुंदर भावनाओं से ओतप्रोत रचना प्रस्तुति पर, हार्दिक बधाई..आदरणीया सोनम जी
मन के सहज मधुर भावों की अभिव्यक्ति करती रचना के लिए हार्दिक बधाई आदरणीया सोनम जी ! वर्षा ऋतू और अंतर ध्वनि बूंदों से निश्छल प्रकट हुए है ...साधुवाद और शुभकामनायें बहुत बहुत !
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