For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

क्या पता सावन भी किसी के लिए रोता होगा

देख कर सावन को
आँखे भर आती हैं
क्या पता सावन भी
किसी की याद मे रोता होगा
मेरी ही तरह करता होगा
इंतज़ार किसी का ….
टूट जाने पर वादा
मेरी ही तरह रोता होगा
क्या पता सावन भी
सावन में किसी के लिए
तरसता होगा ………
करके वादा गया होगा कोई
लौट कर आऊंगा उस महीने में
जिसमे बरसात होगी ……
ऐ मेरे चाहने वाले
अब तो तुमसे
बरसात में ही मुलाक़ात होगी
टूटता होगा वादा तो
दिल भी टूट जाता होगा
दर्द के रहम-ओ-करम से फिर
महीने भर सावन भी
नीर बहाता होगा  …
क्या पता मेरी ही तरह सावन भी
सावन में किसी के लिए
तड़पता होगा ………….!!!



मौलिक व अप्रकाशित रचना

सोनम सैनी

Views: 565

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sonam Saini on August 1, 2013 at 10:35am

जीतेन्द्र जी, आशुतोष मिश्रा जी, जवाहर सर व महिमा जी आप सभी का रचना को  लिए धन्यवाद।

Comment by Sonam Saini on August 1, 2013 at 10:32am

धन्यवाद अभिनव अरुण जी

Comment by MAHIMA SHREE on July 31, 2013 at 11:07pm

अब तो तुमसे
बरसात में ही मुलाक़ात होगी
टूटता होगा वादा तो
दिल भी टूट जाता होगा
दर्द के रहम-ओ-करम से फिर
महीने भर सावन भी
नीर बहाता होगा  … क्या बात है प्रिय सोनम जी ...बहुत ही सुंदर ...बधाई आपको

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on July 31, 2013 at 9:20pm

टूटता होगा वादा तो 
दिल भी टूट जाता होगा 
दर्द के रहम-ओ-करम से फिर 
महीने भर सावन भी 
नीर बहाता होगा  … 

क्या पता मेरी ही तरह सावन भी 
सावन में किसी के लिए 
तड़पता होगा ………….!!!

जरूर रोता होगा!....

Comment by Dr Ashutosh Mishra on July 31, 2013 at 4:46pm

sonam jee ..bhavo se bharee is shandaar rachna ke liye badhayee sweekarein 

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on July 29, 2013 at 12:14am

सुंदर भावनाओं से ओतप्रोत रचना प्रस्तुति पर, हार्दिक बधाई..आदरणीया सोनम जी

Comment by Abhinav Arun on July 28, 2013 at 9:19pm

मन के सहज मधुर भावों की अभिव्यक्ति करती रचना के लिए हार्दिक बधाई आदरणीया सोनम जी ! वर्षा ऋतू और अंतर ध्वनि बूंदों से निश्छल प्रकट हुए है ...साधुवाद और शुभकामनायें बहुत बहुत !

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Nilesh Shevgaonkar commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - यहाँ अनबन नहीं है ( गिरिराज भंडारी )
"आ. गिरिराज जी ग़ज़ल के लिए बहुत बहुत बधाई ..मैं निजि रूप में दर्पण जैसे संस्कृतनिष्ठ शब्द को…"
1 hour ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"धन्यवाद आ. गिरिराज जी "
1 hour ago
Nilesh Shevgaonkar commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (कुर्ता मगर है आज भी झीना किसान का)
"आ. अजय जी,अच्छे भावों से सजी हुई ग़ज़ल हुई है लेकिन दो -तीन बातें संज्ञान में लाने का प्रयत्न कर रहा…"
1 hour ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
"धन्यवाद आ. सौरभ सर,मतले से बात शुरुअ करता हूँ.. मुट्ठी भर का अर्थ बहुत थोड़े या लिटरल- 5 (क्यूँ…"
1 hour ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
"धन्यवाद आ. गिरिराज जी "
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
"आदरणीय नीलेश जी, एक अच्छी प्रस्तुति के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें.  कई शेर हैं जो पाठकों…"
5 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय posted blog posts
6 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-122 (विषय मुक्त)
"जंग के मोड़ पर (लघुकथा)-  "मेरे अहं और वजूद का कुछ तो ख्याल रखा करो। हर जगह तुरंत ही टपक…"
9 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-122 (विषय मुक्त)
" नमन मंच। सादर नमस्कार आदरणीय सर जी। हार्दिक स्वागत। प्रयासरत हैं सहभागिता हेतु।"
11 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-122 (विषय मुक्त)
"इस पटल के लघुकथाकार अपनी प्रस्तुतियों के साथ उपस्थित हों"
12 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (अलग-अलग अब छत्ते हैं)
"उत्साहदायी शब्दों के लिए आभार आदरणीय गिरिराज जी"
18 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (हर रोज़ नया चेहरा अपने, चेहरे पे बशर चिपकाता है)
"बहुत बहुत आभार आदरणीय गिरिराज जी"
18 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service