For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

शिक्षक दिवस पर - लक्ष्मण लडीवाला

शिक्षक दिवस पर ओ बी ओ के सभी सुधि प्रबुद्ध गुरुजनों को जिनसे छंद विधा और सत-साहित्य ज्ञान की वृद्धि कर पाया, उन्हें सादर प्रणाम करते हुए महान शिक्षक की जयंती पर प्रस्तुत है - 
 
 
डॉ राधा कृष्णन जैसे शिक्षक से ही बनता देश महान है
अचकन पायजामा पगड़ी उनकी सांस्कृतिक पहचान है 
दर्शन शास्त्र के ज्ञाता जगत को दे गये  अनूठा ज्ञान है 
शिक्षक दिवस पर नतमस्तक हो करते हम सम्मान है 
 
"सेतु" दर्शन के निर्माता वे आध्यात्म जगत के ज्ञाता है
जीवन पर्यन्त जिनका रहा सदा शिक्षा से ही नाता है
भारत रत्न से विभूषित जो अजातशत्रु कहलाते आये है 
शिक्षक दिवस पर नतमस्तक हो करते हम सम्मान है |
 
नतमस्तक हो सीखते, करते गुरु का मान,
शिक्षक बहुत महान है, उनका हो सम्मान  | 
 
शिक्षक का सम्मान कर. लेनेवाला लेत
समझो तभी भभूत है, वरना वह तो रेत | 
(मौलिक व् अप्रकाशित)
 
   

Views: 590

Facebook

You Might Be Interested In ...

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on September 8, 2013 at 12:13am

आपने बिलकुल सही कहा है श्री सुरेन्द्र भ्रमर जी गुरु डॉ राधाकृष्णन सरीके गुरु हो तो जीवन ज्योतिर्मय हो जाए | रचना 

सराहने के लिए आपका हार्दिक आभार 

Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on September 7, 2013 at 11:49pm

प्रिय लड़ी वाला जी ...काश ऐसे गुरु और गुर मिलें आज भी ढूंढना न पड़े तो ये समाज आलोक से भर जाए ..गुरु राधाकृष्णन जी को नमन ...माँ भारती ऐसे सपूतों पर नाज करती है ..सुन्दर रचना

आभार
भ्रमर ५

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on September 6, 2013 at 6:46pm

रचना को बारीकी से पढ़ सराहने के लिए आपका हार्दिक आभार श्री अरुण शर्मा अनंत जी 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on September 6, 2013 at 6:44pm

सधन्यवाद हार्दिक शुभकामाए आदरणीया मीना पाठक जी 

Comment by अरुन 'अनन्त' on September 6, 2013 at 1:27pm

आदरणीय सर जी शिक्षक दिवस पर बहुत ही सुन्दर रचना रची है आपने, बहुत ही शिक्षाप्रद रचना है मुझे कहीं कहीं है की जगह हैं होना चाहिए था ऐसा लगा, कृपया एक बार आप भी देख लें खैर इस सुन्दर रचना हेतु बधाई स्वीकारें.

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on September 6, 2013 at 9:43am

शिक्षक दिवस पर हार्दिक शुभ्कानाओ के साथ आपका हार्दिक आभार श्री बृजेश नीरज जी, केवल प्रसाद जी, एवं 

श्री राम शिरोमणि पाठक जी 

Comment by Meena Pathak on September 5, 2013 at 9:53pm

प्रणाम परम आदरणीय....... आप को भी शिक्षक दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं!

Comment by बृजेश नीरज on September 5, 2013 at 8:28pm

आदरणीय लाडलीवाल जी शिक्षक दिवस पर आपको हार्दिक शुभकामनाएं!

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on September 5, 2013 at 8:08pm

आ0 लड़ीवाला सर जी,   सादर प्रणाम!    वाह!  बहुत खूब।  इस प्रस्तुति हेतु आपको बहुत बहुत  हार्दिक बधाई।   सादर, 

Comment by ram shiromani pathak on September 5, 2013 at 8:08pm
नतमस्तक हो सीखते, करते गुरु का मान,
शिक्षक बहुत महान है, उनका हो सम्मान  | सुन्दर पंक्तियाँ

सुंदर रचना आदरणीय लक्ष्मन जी हार्दिक बधाई आपको //सादर

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post कहीं खो गयी है उड़ानों की जिद में-गजल
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , ग़ज़ल के लिए आपको हार्दिक बधाई "
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी and Mayank Kumar Dwivedi are now friends
Monday
Mayank Kumar Dwivedi left a comment for Mayank Kumar Dwivedi
"Ok"
Sunday
Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहे -रिश्ता
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी रिश्तों पर आधारित आपकी दोहावली बहुत सुंदर और सार्थक बन पड़ी है ।हार्दिक बधाई…"
Apr 1
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"तू ही वो वज़ह है (लघुकथा): "हैलो, अस्सलामुअलैकुम। ई़द मुबारक़। कैसी रही ई़द?" बड़े ने…"
Mar 31
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"गोष्ठी का आग़ाज़ बेहतरीन मार्मिक लघुकथा से करने हेतु हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह…"
Mar 31
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"आपका हार्दिक आभार भाई लक्ष्मण धामी जी।"
Mar 31
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"आ. भाई मनन जी, सादर अभिवादन। बहुत सुंदर लघुकथा हुई है। हार्दिक बधाई।"
Mar 31
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"ध्वनि लोग उसे  पूजते।चढ़ावे लाते।वह बस आशीष देता।चढ़ावे स्पर्श कर  इशारे करता।जींस,असबाब…"
Mar 30
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"स्वागतम"
Mar 30
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. रिचा जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Mar 29
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. भाई अजय जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Mar 29

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service