For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

!!! बूट पालिश !!!

एक मानुष की
कहानी
पढ़ गया कुछ
ढेर सारा
कर वकालत बुध्दि खोयी।
हो गया पागल
फकीरा!
घोर कलियुग में
बेचारा!
प्रेम पूरित बात करता।
चोप! चप चप
बक-बकाता,
बूट पालिश का
समां सब
साथ रखता,... बूट पालिश!
चोप! चप चप बक बकाता,
दौड़ कर फिर
रूक गया वह
चाय पीना याद आया।
एक चाहत,
चाय पीना
पूछता है चाय
वाला
क्या? फकीरा जज बनेगा!
हंस - हंसाता, चाय वाला।
कुछ इशारा कर
बढ़ा था,
फिर किसी को
देख कर वह
चोप! चप चप बक-बकाता!
साब! पालिश....बूट पालिश
चाय पीने को
मिली जब
शांत मन फिर बक-बकाता!
बैठता वह
ईट पर तब
साब! पालिश...बूट पालिश,
साब! का जूता पुराना
फट फटा फट
साफ करता
बूट चम चम
कर दिया जब
साब! कुछ पल देखता बस!
हाथ में फुटकर
गिने कम
फेंक कर पैसे दिये।....वह!
चोप! चप चप बक बकाता
बीनता बस
रेजगारी।
बूट पालिश - बूट पालिश!
काल का मारा
फकीरा!
फिर किसी को देखकर
वह बक-बकाता, साब! पालिश....बूट पालिश!
तेज है मनु मन विकारी
सोच पागल की कहानी
आह!
मानुष की सजा क्या ?
एक - दूजे को बचा क्या ?
मर गई इंसानियत भी
चल अकेला
बक-बकाता
चोप! चप चप......चो......प।
बूट पालिश - बूट पालिश.......।।।

के0पी0सत्यम/मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 803

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on September 5, 2013 at 8:41pm

बहुत सुंदर रचना , हार्दिक बधाई आदरणीय केवल जी

Comment by ram shiromani pathak on September 5, 2013 at 8:36pm

सुन्दर रचना  आदरणीय भाई केवल जी ///हार्दिक बधाई आपको 

Comment by रविकर on September 5, 2013 at 8:31pm

गजब -
हास्य है या व्यंग /
गंभीरता भी गजब-

मार्मिक भी-
सादर बधाई आदरणीय-

Comment by annapurna bajpai on September 5, 2013 at 7:32pm

क्या बात है ! बहुत बढ़िया ! आ0 केवल भाई जी । 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-174
"आदरणीय संजय शुक्ला जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और ज़र्रा नवाज़ी का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
21 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-174
"//'इश्क़ ऐन से लिखा जाता है तो  इसके साथ अलिफ़ वस्ल ग़लत है।//....सहमत।"
26 minutes ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-174
"आदरणीय अमीर जी, अच्छी ग़ज़ल हुई। बधाई स्वीकार करें। "
26 minutes ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-174
"आदरणीय अमित जी, बहुत धन्यवाद।  1 अगर जान जाने का डर बना रहे तो क्या ख़ाक़ बग़वत होगी? इस लिए,…"
29 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-174
"आदरणीय यूफोनिक अमित जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और सुख़न नवाज़ी का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
29 minutes ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-174
"आदरणीय अमीर जी, बहुत धन्यवाद। "
37 minutes ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-174
"आदरणीय Sanjay Shukla जी आदाब  ख़ुदकुशी आ गई है आदत में अब मज़ा आएगा बग़ावत में /1 आदत मतलब…"
1 hour ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-174
"आदरणीय अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी जी आदाब, अच्छी ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार करें।"
1 hour ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-174
"आदरणीय Richa Yadav जी आदाब  ग़ज़ल के अच्छे प्रयास पर बधाई स्वीकार करें  2122 1212…"
1 hour ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-174
"आदरणीय लक्ष्मण धामी 'मुसाफ़िर' जी आदाब ग़ज़ल के अच्छे प्रयास पर बधाई स्वीकार करें जिसको…"
2 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-174
"मुहतरमा ऋचा यादव जी ग़ज़ल के अच्छे प्रयास के लिए आपको मुबारकबाद।  "काँटे चुभने लगे हैं…"
2 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-174
"आदरणीय संजय शुक्ला जी आदाब, तरही मिसरे पर उम्दा ग़ज़ल कही है आपने, शे'र दर शे'र दाद के…"
2 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service