For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

देख तिरंगा लहराता

मन उठा, भ्रमर सा जागा है

 

पुलकित सूरज की किरनें

रंग तीन यह जो चमकें

इस मंद हवा की लहरों पर

मन झूम-झूमकर गाता है

 

सोंधी खुशबू माटी की

अलकें खिलतीं फूलों की

खेतों में लहराती फसलें

अब उमग-उमग मन जाता है

 

जीवन मेरा धन्य हुआ

भारत में जो जन्म हुआ

ये प्राण निछावर हैं इस पर

यह धरती अपनी माता है

.

बृजेश नीरज

(मौलिक व अप्रकाशित)

 

Views: 866

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by बृजेश नीरज on September 6, 2013 at 7:11pm

आदरणीय रविकर जी बहुत बहुत आभार!

Comment by बृजेश नीरज on September 6, 2013 at 7:10pm

आदरणीय गिरिराज जी बहुत आभार!

Comment by बृजेश नीरज on September 6, 2013 at 7:09pm

आदरणीय आशीष जी आपका आभार!

Comment by बृजेश नीरज on September 6, 2013 at 7:09pm

आदरणीय श्याम नारायण जी आपका हार्दिक आभार!

Comment by vijay nikore on September 6, 2013 at 6:28pm

//सोंधी खुशबू माटी की

अलकें खिलतीं फूलों की

खेतों में लहराती फसलें

अब उमग-उमग मन जाता है//

अति सुन्दर प्रस्तुति। बधाई।

Comment by Meena Pathak on September 6, 2013 at 5:33pm

बहुत बहुत सुन्दर रचना, बधाई आप को

Comment by अरुन 'अनन्त' on September 6, 2013 at 2:15pm

आदरणीय बृजेश भाई जी अप्रितम नवगीत रचा है आपने, आपकी रचनाओं का प्रवाह देखते ही बनता है इतनी सुन्दरता से अपनी बात कह जाते हैं बहुत बहुत बधाई आदरणीय भाई जी .

Comment by Dr Ashutosh Vajpeyee on September 6, 2013 at 1:30pm

अति सुन्दर नवगीत ब्रजेश जी हार्दिक बधाई 

Comment by रविकर on September 6, 2013 at 12:01pm

देशभक्ति से साराबोर
सुन्दर प्रस्तुति
आदरणीय बृजेश जी -
शुभकामनायें


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on September 6, 2013 at 11:41am
देश प्रेम से ओत प्रोत बहुत सुन्दर रचना , बृजेश भाई बहुत बधाई !!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय सौरभ सर, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। आयोजन में सहभागिता को प्राथमिकता देते…"
51 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय सुशील सरना जी इस भावपूर्ण प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। प्रदत्त विषय को सार्थक करती बहुत…"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त विषय अनुरूप इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। गीत के स्थायी…"
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय सुशील सरनाजी, आपकी भाव-विह्वल करती प्रस्तुति ने नम कर दिया. यह सच है, संततियों की अस्मिता…"
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आधुनिक जीवन के परिप्रेक्ष्य में माता के दायित्व और उसके ममत्व का बखान प्रस्तुत रचना में ऊभर करा…"
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय मिथिलेश भाई, पटल के आयोजनों में आपकी शारद सहभागिता सदा ही प्रभावी हुआ करती…"
1 hour ago
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"माँ   .... बताओ नतुम कहाँ होमाँ दीवारों मेंस्याह रातों मेंअकेली बातों मेंआंसूओं…"
4 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"माँ की नहीं धरा कोई तुलना है  माँ तो माँ है, देवी होती है ! माँ जननी है सब कुछ देती…"
18 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय विमलेश वामनकर साहब,  आपके गीत का मुखड़ा या कहूँ, स्थायी मुझे स्पष्ट नहीं हो सका,…"
20 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय, दयावान मेठानी , गीत,  आपकी रचना नहीं हो पाई, किन्तु माँ के प्रति आपके सुन्दर भाव जरूर…"
20 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय दयाराम मैठानी जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। सादर।"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service