For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

२ १ २ २     २ १  २ १    १ २ १ २

.

छोडो अपनी ढाई चाल बहुत हुआ

खून में आया उबाल बहुत हुआ

 

आम जनता की आवाज दबे नहीं

देश में लाये भूचाल बहुत हुआ  

 

खींच लेगा आज वक़्त ये कुर्सियां

कर चुके जितना धमाल बहुत हुआ

 

अब सियासी हंडिया ये उतार दो    

पक चुकी जितनी  ये दाल बहुत हुआ

 

दोगुला अब तो   चलन ये   चले नहीं

बेहयाई का कमाल बहुत हुआ 

 

क़र्ज़ में अब  देश खूब   डुबा चुके

आज रूपये का ये हाल बहुत हुआ

देश की जनता है  जाग उठी  अभी 

नोंच लेगी  बाल खाल बहुत हुआ

********************************************

मौलिक एवं अप्रकाशित 

 

Views: 678

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on September 7, 2013 at 5:17pm

प्रिय राम शिरोमणि पाठक जी आपको ग़ज़ल पसंद आई  इस उत्साह वर्धन के लिए हार्दिक आभार 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on September 7, 2013 at 5:16pm

आदरणीय गिरिराज भंडारी जी इस उत्साह वर्धन के लिए हार्दिक आभार |


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on September 7, 2013 at 5:16pm

 Nayana(Arati) Kanitkar   जी दिल से शुक्रिया. 

Comment by ram shiromani pathak on September 7, 2013 at 4:01pm

आदरणीया राजेश कुमारी जी,सुन्दर गजल हुई है //हार्दिक बधाई आपको 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on September 7, 2013 at 3:52pm
आदरणीया राजेश कुमारी जी ,देश की वर्तमान स्थिति पर बहुत बढ़िया गज़ल कही !!बधाई !!
Comment by नयना(आरती)कानिटकर on September 7, 2013 at 12:48pm

सच में, बहुत हुआ


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on September 7, 2013 at 9:43am

आदरणीया मीना पाठक जी  इस प्रोत्साहन हेतु  दिल से आभारी हूँ |

Comment by Meena Pathak on September 7, 2013 at 9:34am

बहुत सुन्दर रचना ....... सच में, बहुत हुआ

सुन्दर रचना हेतु हार्दिक बधाई


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on September 7, 2013 at 8:47am

आदरणीया अन्नापूर्णा जी आपके अनुमोदन  से प्प्रस्तुति  धन्य हुई दिल से आभार आपका |

Comment by annapurna bajpai on September 6, 2013 at 11:48pm

आ0 राजेश कुमारी जी सच मे-  अब बहुत हुआ !!!!!!!!  अब तो जागना होगा

                                                                   गिरती साख थामना होगा । 

बढ़िया , बधाई आपको । 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

surender insan commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छन्न पकैया (सार छंद)
"आदरणीय सुरेश भाई जी  छन्न पकैया (सारछंद) में आपने शानदार और सार्थक रचना की है। बहुत बहुत बधाई…"
12 minutes ago
surender insan commented on Aazi Tamaam's blog post तरही ग़ज़ल: इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्या
"आदरणीय आज़ी भाई आदाब। बहुत बढ़िया ग़ज़ल के लिए बधाई स्वीकार करे जी।"
17 minutes ago
surender insan commented on surender insan's blog post जो समझता रहा कि है रब वो।
"आदरणीय सौरभ जी सादर नमस्कार जी। ग़ज़ल पर आने के लिए और अपना कीमती वक़्त देने के लिए आपका बहुत बहुत…"
22 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छन्न पकैया (सार छंद)
"आदरणीय सुरेश भाई ,सुन्दर  , सार्थक  देश भक्ति  से पूर्ण सार छंद के लिए हार्दिक…"
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . . विविध
"आदरणीय सुशिल भाई , अच्छी दोहा वली की रचना की है , हार्दिक बधाई "
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Aazi Tamaam's blog post तरही ग़ज़ल: इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्या
"आदरनीय आजी भाई , अच्छी ग़ज़ल कही है हार्दिक बधाई ग़ज़ल के लिए "
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"अनुज बृजेश , ग़ज़ल की सराहना और उत्साह वर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार "
4 hours ago
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज जी इस बह्र की ग़ज़लें बहुत नहीं पढ़ी हैं और लिख पाना तो दूर की कौड़ी है। बहुत ही अच्छी…"
11 hours ago
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post कहते हो बात रोज ही आँखें तरेर कर-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. धामी जी ग़ज़ल अच्छी लगी और रदीफ़ तो कमल है...."
11 hours ago
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"वाह आ. नीलेश जी बहुत ही खूब ग़ज़ल हुई...."
11 hours ago
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"आदरणीय धामी जी सादर नमन करते हुए कहना चाहता हूँ कि रीत तो कृष्ण ने ही चलायी है। प्रेमी या तो…"
11 hours ago
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"आदरणीय अजय जी सर्वप्रथम देर से आने के लिए क्षमा प्रार्थी हूँ।  मनुष्य द्वारा निर्मित, संसार…"
12 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service