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!!! सुख सभी तो चाहते हैं !!!
गजल बह्र - 2 1 2 2 2 1 2 2

प्रेम  पूंजी  बांटते  हैं।
सुख सभी तो चाहते हैं।

दुःख अपना कौन बांटे,
साये पल्ला झाड़ते हैं।

सुख बड़े चंचल भटक कर,
पल में घर से भागते हैं।

रोशनी जब भी निकलती,
चांद - सूरज  ताकते  हैं।

फिर कभी उलझन न होती,
सांझ सुख मिल बांटते हैं।

चांदनी जब तरू में उलझी,
वृक्ष  साया  शापते  हैं।

गर किसी ने की मुहब्बत,
धर्म मुश्किल सालते हैं।

कर्म की राहें सफल नित,
कृष्ण - अर्जुन बाचते हैं।

दुःख है तो दर्द मरू सम,
शांत मन सुख धारते हैं।

के0पी0सत्यम/मौलिक व अप्रकाशित

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Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on September 10, 2013 at 7:38pm

आ0 विजयाश्री जी,  आपके स्नेह और उत्साहवर्धन हेतु आपका हृदयतल से बहुत - बहुत आभार।  सादर,

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on September 10, 2013 at 7:38pm

आ0 विजय भाई जी,  आपके स्नेह और उत्साहवर्धन हेतु आपका हृदयतल से बहुत - बहुत आभार।  सादर,

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on September 10, 2013 at 7:37pm

आ0 बृजेश भाई जी,  आपके स्नेह और उत्साहवर्धन हेतु आपका हृदयतल से बहुत - बहुत आभार।  सादर,

Comment by vijayashree on September 10, 2013 at 11:12am

दुःख अपना कौन बांटे, 
साये पल्ला झाड़ते हैं।

सुख बड़े चंचल भटक कर,
पल में घर से भागते हैं।

इसी का नाम ही तो जीवन है 

बहुत सुंदर अभिव्यक्ति केवल जी 

Comment by विजय मिश्र on September 9, 2013 at 12:31pm
".....शांत मन सुख धारते हैं।" - शांत मन सब सहन कर लेता है, सब सहज बना देता है ,सर्वकालिक सत्य है . अतिसुन्दर एवं प्रेरक भ्हाव .
Comment by बृजेश नीरज on September 8, 2013 at 10:12pm

इस सुन्दर रचनाकर्म के लिए आपको बहुत बहुत बधाई आदरणीय केवल भाई!

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on September 8, 2013 at 8:37pm

आ0 जवाहर लाल जी,    आपके अपार स्नेह, आशीष और उत्साहवर्धन हेतु आपका बहुत-बहुत हार्दिक आभार।  सादर,

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on September 8, 2013 at 8:37pm

आ0 गनेश सर जी,    आपके अपार स्नेह, आशीष और उत्साहवर्धन हेतु आपका बहुत-बहुत हार्दिक आभार।  सादर,

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on September 8, 2013 at 8:33pm

आ0 वंदना जी,    आपके अपार स्नेह और उत्साहवर्धन  हेतु आपका हार्दिक आभार।  सादर,

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on September 8, 2013 at 8:32pm

आ0 जितेन्द्र भाई जी,    आपके अपार स्नेह और उत्साहवर्धन  हेतु आपका हार्दिक आभार।  सादर,

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