For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

शर्म से हम आँख मीचे क्यूँ रहें

शर्म से हम आँख मीचे क्यूँ रहें

दौड़ है सोहरत की पीछे क्यूँ रहें

 

तब हुए पैदा जमीं पे अब मगर

हौसलों के पर हैं नीचे क्यूँ रहें

 

सच का लज्जत चख चुके हैं हम यहाँ

फिर बता दो हम भी तीखे क्यूँ रहें

 

जानते हैं फल में कीड़े कब लगे

इस कदर फिर हम भी मीठे क्यूँ रहें

 

जिन लकीरों ने कराई जंग है

“दीप” अब तक उनको खींचे क्यूँ रहें

 

संदीप कुमार पटेल “दीप”

मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 951

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on September 30, 2013 at 11:46am

आदरणीय सौरभ सर सादर प्रणाम

आपका आशीर्वाद यूँ ही मिलता रहे

बहुत बहुत धन्यवाद आपका

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on September 30, 2013 at 11:46am

आदरणीय वीनस सर सादर

आपकी इस्लाह सर आँखों ये स्नेह यूँ ही बनाये रखिये

सादर धन्यवाद आपका


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on September 27, 2013 at 11:13pm

जानते हैं फल में कीड़े कब लगे

इस कदर फिर हम भी मीठे क्यूँ रहें...  वाह वाह

और मक्ते के लिए विशेष बधाई दे रहा हूँ.

अन्यान्य सुझावों पर ध्यान दीजियेगा

Comment by वीनस केसरी on September 26, 2013 at 2:21am

वाह भाई
ग़ज़ल पर देर से आ पा रहा हूँ

शानदार इब्तिदा को आपने  खूबसूरत अंजाम बख्शा
मतला से मकता तक हर शेर पसंद आया

कुछ जगह तगज़्ज़ुल को निभा ले गए होते तो लुत्फ़ दोबाला हो जाता
कुछ अल्फाज़ ने भी बदमजगी पैदा की

सोहरत - शुहरत 
सच का लज्जत - सच की लज़्ज़त

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on September 24, 2013 at 4:18pm

आदरणीया प्रवीन मालिक जी सादर प्रणाम 

इस हौसलाफजाई के लिए आपका बहुत बहुत आभार 

स्नेह यूँ ही बनाये रखिये 

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on September 24, 2013 at 4:18pm

आदरणीय राज साहब सादर 

आपकी इस्लाह सर आँखों स्नेह यूँ ही बनाये रखिये 

सादर 

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on September 24, 2013 at 4:17pm

आदरणीय मित्र अरुण भाई साहब सादर 

आपकी दाद पाना सुखद लगा 

स्नेह यूँ ही बनाये रखिये सादर आभार आपका 

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on September 24, 2013 at 4:17pm

आदरणीय जीतेंद्र जी सादर 

इस सराहना हेतु बहुत बहुत आभार आपका 

स्नेह यूँ ही बनाये रखिये 

Comment by Parveen Malik on September 24, 2013 at 12:13pm
आदरणीय संदीप जी बेहतरीन गजल ... बधाई स्वीकारिये !!!
सच का लज्जत चख चुके हैं हम यहाँ
फिर बता दो हम भी तीखे क्यूँ रहें

जानते हैं फल में कीड़े कब लगे
इस कदर फिर हम भी मीठे क्यूँ रहें....
Comment by अरुन 'अनन्त' on September 24, 2013 at 11:00am

वाह मित्रवर वाह कमाल की ग़ज़ल लाजवाब अशआर, सुन्दर संदेशात्मक ग़ज़ल हेतु बहुत बहुत बधाई स्वीकारें भाई.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Sushil Sarna posted blog posts
11 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा दशम्. . . . . गुरु
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय । विलम्ब के लिए क्षमा "
15 hours ago
सतविन्द्र कुमार राणा commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"जय हो, बेहतरीन ग़ज़ल कहने के लिए सादर बधाई आदरणीय मिथिलेश जी। "
20 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"ओबीओ के मंच से सम्बद्ध सभी सदस्यों को दीपोत्सव की हार्दिक बधाइयाँ  छंदोत्सव के अंक 172 में…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ जी सादर प्रणाम, जी ! समय के साथ त्यौहारों के मनाने का तरीका बदलता गया है. प्रस्तुत सरसी…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"वाह वाह ..  प्रत्येक बंद सोद्देश्य .. आदरणीय लक्ष्मण भाईजी, आपकी रचना के बंद सामाजिकता के…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाई साहब, आपकी दूसरी प्रस्तुति पहली से अधिक जमीनी, अधिक व्यावहारिक है. पर्वो-त्यौहारों…"
yesterday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ भाईजी  हार्दिक धन्यवाद आभार आपका। आपकी सार्थक टिप्पणी से हमारा उत्साहवर्धन …"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी छंद पर उपस्तिथि उत्साहवर्धन और मार्गदर्शन के लिए हार्दिक आभार। दीपोत्सव की…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय  अखिलेश कॄष्ण भाई, आयोजन में आपकी भागीदारी का धन्यवाद  हर बरस हर नगर में होता,…"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी छन्द पर उपस्तिथि और सराहना के लिए हार्दिक आभार आपका। दीपोत्सव की हार्दिक…"
yesterday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय लक्ष्मण भाईजी हार्दिक बधाई इस प्रस्तुति के लिए ।"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service