!!! सावधान !!!
रूप घनाक्षरी (32 वर्ण अन्त में लघु)
दंगा करार्इये खूब, जीना सिखार्इये खूब, हर हाल में जीना है, कांटे बिछार्इये खूब।
अवसर भुनार्इये, जाति-धर्म लड़ार्इये, सौहार्द-भार्इचारा को, जिंदा जलार्इये खूब।।
गाते रहे तिमिर में, झींगुर श्वांस लय में, सर्प-बिच्छू देव सम, बाहें बढ़ार्इये खूब।
नारी दुर्गा काली सम, जया शक्ति यशो गुन, महिषा-भस्मासुर सा, नाच दिखार्इये खूब।।
के0पी0सत्यम / मौलिक व अप्रकाशित
Comment
आप घनाक्षरी कैसे लिखते हैं ?
इसके मूलभूत नियमों को देख जाइये, आपके पास सामग्री है. वर्ण संख्या को नियत करने के अलावे शब्द-संयोजन पर भी बहुत कुछ है अनुसरण करने के लि.
शुभेच्छाएँ
आदरणीय सुरेन्द्र भ्रमर भार्इ जी, आपके स्नेह, प्रबल अनुमोदन और उत्साह वर्धन हेतु आपका हृदयतल से बहुत-बहुत आभार। सादर,
प्रिय केवल जी आज के बिगड़ते हालत पे जबरदस्त कटाक्ष ...अच्छी रचना ...काश आँखें इससे भी खुलें
आभार
भ्रमर ५
आ0 भण्डारी भार्इ जी, आपके स्नेह और अनुमोदन के लिए आपका हार्दिक आभार। सादर,
आ0 जितेन्द्र भार्इ जी, आपके स्नेह और अनुमोदन के लिए आपका हार्दिक आभार। सादर,
आ0 विजय भार्इ जी, आपके स्नेह और सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार। सादर,
आ0 अरून अनन्त भार्इ जी, आपके स्नेह और सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार। सादर,
आ0 राम शिरोमणि भार्इ जी, आपके स्नेह और सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार। सादर,
आ0 बृजेश भार्इ जी, आपके स्नेह और सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार। सादर,
आदरणीय केवल भाई जी,
बहुत सुन्दर घनाक्षरी //हार्दिक बधाई आपको //सादर
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