For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

लघुकथा : गिरगिट (गणेश जी बागी)

ल राज्य में आम चुनाव के परिणाम का दिन था लोटन दास 'चम्मच छाप' पार्टी का पक्का समर्थक था, 'चम्मच छाप" बिल्ला लगाए, झंडा और गुलाल लिए वो और उसके साथी मतगणना स्थल पर सुबह से मौजूद थें, उसकी पार्टी को शुरूआती बढ़त मिलने लगी, लोटन दास और उसके साथी पूरे उमंग में नारे लगा-लगा कर गुलाल उड़ाते हुए नाच रहे थे । 

किन्तु यह क्या ! दोपहर बाद 'थाली छाप' पार्टी ने बढ़त बना ली और अंततः समूचे राज्य में पूर्ण बहुमत से 'थाली पार्टी' की जीत हो गई । लोटन दास देर रात घर लौट आया, गुलाल से पूरी तरह सराबोर, उसके कुरते पर अब 'थाली छाप' बिल्ला अपनी चमक बिखेर रहा था । 

(मौलिक व अप्रकाशित)

पिछला पोस्ट => लघुकथा : बहन जी

Views: 1090

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on October 21, 2015 at 11:28am

आदरणीय ओमप्रकाश क्षत्रिय जी, लघुकथा पर आपकी उपस्थिति और उत्साहवर्धन दोनों स्वागतयोग्य है, आभार आदरणीय.


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on October 21, 2015 at 11:27am

आपके बहुमूल्य टिप्पणी हेतु बहुत बहुत आभार प्रिय शुभ्रांशु भाई. 


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on October 21, 2015 at 11:26am

आदरणीय सचिन देव जी, लघुकथा पसंद करने हेतु आभार प्रेषित करता हूँ.

Comment by Omprakash Kshatriya on October 19, 2015 at 6:00pm

आदरणीय बागी जी आप ने बिन पेद्नी के लौटों पर शानदार लघुकथा लिखी है. बधाई.

Comment by Shubhranshu Pandey on October 6, 2013 at 4:51pm

आदरणीय गणॆश भैया.

लालटेन के बुझला से तीर के सरसराये के मौका बा. ढेर लोगन के घर के अब लालटेन बन्द होखे लागी. तात्कालिक अवस्था पर एक सुन्दर व्यंग...  सादर.

Comment by Sachin Dev on October 5, 2013 at 3:16pm

मौकापरस्ती की आधुनिक राजनीती को कम शब्दों मैं बेहतरीन तरीके से उजागर करने पर हार्दिक बधाई आपको आदरणीय गणेश जी... 


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on October 5, 2013 at 3:04pm
  • सराहना हेतु आभार आदरणीय सौरभ भईया । 
  • अनमोल टिप्पणी हेतु आभार आदरणीया डॉ प्राची जी । 
  • उत्साहवर्धन करती टिप्पणी हेतु आभार आदरणीय सुशिल जोशी जी । 
  • आदरणीय संजय भाई जी, आप जैसे प्रतिभासंपन्न व्यक्तित्व से सराहना पाना अति महत्वपूर्ण है, बहुत बहुत आभार । 
  • बहुत बहुत आभार वीनस भाई जी । 

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on October 4, 2013 at 8:13pm
  • आदरणीय भाई ब्रिजेश जी, आपकी उत्साहवर्धित करती टिप्पणी हेतु दिल से शुक्रगुजार हूँ , स्नेह सदैव बना रहे । 
  • टिप्पणी हेतु आभार आदरणीय नीरज कुमार नीर जी । 
  • आदरणीय अभिनव भाई जी, आपकी टिप्पणी सदैव ही उत्साहवर्धन करती है, बहुत बहुत आभार,  नेह छोह बना रहे । 
  • आपसे सहमत हूँ आदरणीया अन्नपूर्णा वाजपेयी जी, आपकी अनमोल टिप्पणी हेतु बहुत बहुत आभार । 
  • टिप्पणी स्वरुप आशीर्वाद हेतु बहुत बहुत आभार आदरणीय शार्वेंदु मुखर्जी जी । 
Comment by वीनस केसरी on October 4, 2013 at 8:06pm

लोटत लोटत हो गए हम भी लोटा राम  :)))))))))))))

बढ़िया है


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on October 4, 2013 at 8:03pm
  • सराहना हेतु बहुत बहुत आभार प्रिय अनुज अरुन अनंत जी । 
  • आप तक लघुकथा पहुँच सकी यह मेरे लिए मुग्धकारी है बहुत बहुत आभार आदरणीय डॉ आशुतोष मिश्रा जी । 
  • आपके आशीर्वाद हेतु दिल से आभारी हूँ आदरणीय गिरिराज भंडारी भाई साहब । 
  • बहुमूल्य टिप्पणी हेतु कोटिश: आभार आदरणीय डॉ अनुराग सैनी जी । 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
yesterday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Sunday
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Sunday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Sunday
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Saturday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
Saturday
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Saturday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service