For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

क्या कहूँ , क्या लिखूँ ( अतुकांत ) गिरिराज भंडारी

क्या कहूँ , क्या लिखूँ

************************

ऊंची से और ऊंची होती इमारतें

महल नुमां ,

प्राकृतिक धूप , हवा भी

छीन लेने को लालायित  

ग़रीबों के हिस्से से

दिमाग़ के अन्दरूनी किसी कमरे मे

भरा हुआ है

इससे उपजा विरोध !!!

बजबजाती नालियों के किनारे

गन्धाती गलियों में

टूटी फूटी ,आधी अधूरी

चूहती ,सीलती झोपडियाँ

नंगे, अधनंगे ,रोते चिल्लाते

भूख से कलपते बच्चे

असहाय , लाचार माँ-बाप

और उसके बाद भी

साजिशें , महलों की

झोपड़ियाँ भी छीन लेने की

सब कुछ है एक साथ

ज़ेहन मे है मेरे !!!!

और वो चादर भी

जो कभी पूरी न पड़ी

मध्यम को

खींच तान की जायी

चिंतायें , परेशानियाँ

बड़े बनने की चाहत में

बिगड़्ते रास्ते

बिकते ज़मीर

खोते ,दूर होते रिश्ते

रोती, सुखद परम्परायें

व्यथित संस्कृति

हावी होती निर्ल्लजता

सब कुछ है एक साथ !!!!!

और साथ है

राज नैतिक अभिप्साओं की देन

मज़हबी दंगे ,

दंगो मे मरते निर्दोष

लूट , भ्रष्टाचार

नैतिकता अनैतिकता पर निर्जीव बहस

कुर्सी के लिये अन्धी दौड़

चहल क़दमी करते है

सब एक साथ , मेरी सोच के साथ !!!!!!

कुछ शुभ भी है

मेरे दोस्त , अहबाब ,

आत्मीय रिश्ते

जिनसे पाता हूँ रोज़ भर के लिये

जीने की शक्ति ,

प्राण वायु

रोजी हिसाब से

और जी लेता हूँ रोज़

एक दिन का जीवन !!!!!!

एक साथ है

सब कुछ

गड्ड मड्ड

क्या कहूँ , क्या लिखूँ ऐसा

कि कोई कह दे ,

वाह !!!!!!!!!!!!!!

मौलिक एवँ अप्रकाशित

Views: 652

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Neeraj Neer on October 19, 2013 at 8:47am

गन्धाती गलियों में

टूटी फूटी ,आधी अधूरी

चूहती ,सीलती झोपडियाँ

नंगे, अधनंगे ,रोते चिल्लाते

भूख से कलपते बच्चे

असहाय , लाचार माँ-बाप

और उसके बाद भी

साजिशें , महलों की

झोपड़ियाँ भी छीन लेने की

सब कुछ है एक साथ

ज़ेहन मे है मेरे !!!!  सुन्दर भाव .. यही लिखने की प्रेरणा भी दे सकता है :)..

Comment by Meena Pathak on October 19, 2013 at 8:11am

और जी लेता हूँ रोज़

एक दिन का जीवन !!!!!!.............वाह , बहुत खूब आदरणीय गिरिराज जी हार्दिक बधाई आप को 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 159 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. प्रतिभा पाण्डे जी, सार छंद आधारित सुंदर और चित्रोक्त गीत हेतु हार्दिक बधाई। आयोजन में आपकी…"
15 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 159 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव जी,छन्नपकैया छंद वस्तुतः सार छंद का ही एक स्वरूप है और इसमे चित्रोक्त…"
15 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 159 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव जी, मेरी सारछंद प्रस्तुति आपको सार्थक, उद्देश्यपरक लगी, हृदय से आपका…"
15 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 159 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. प्रतिभा पाण्डे जी, आपको मेरी प्रस्तुति पसन्द आई, आपका हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ।"
15 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 159 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक आभार आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी"
16 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 159 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक आभार आदरणीय "
16 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 159 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश जी उत्साहवर्धन के लिये आपका हार्दिक आभार। "
16 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 159 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. प्रतिभा बहन, सादर अभिवादन। सुंदर छंद हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
17 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 159 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अखिलेश जी, सादर अभिवादन। चित्रानुरूप उत्तम छंद हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
17 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 159 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय प्रतिभा पांडे जी, निज जीवन की घटना जोड़ अति सुंदर सृजन के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें।"
17 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 159 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश कृष्ण जी, सार छंद में छन्न पकैया का प्रयोग बहुत पहले अति लोकप्रिय था और सार छंद की…"
18 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 159 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश कृष्ण जी, प्रोत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।"
18 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service