For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

दीवाली -(चोका)

आई दीवाली
जगमगायें  दीप
सबके द्वारे
माटी से सुरचित
 दीप सुन्दर
रुई की बनी बाती
स्नेह पूरित
तब मिल जलती 
बाती सुन्दर
दे  अपनी उजास
हरे उदासी
उल्लास भर देती 
घर बाहर
सागरसुता  आये
स्वर्ण कलश
धन  सुख ऐश्वर्य
दे आशीर्वाद
सबके दुख हरें
भेद भाव  की
गहरी ये  खाइयाँ 
न रहें यहाँ
अमीरी गरीबी की
सभी को मिले
 ऊर्जा और प्रकाश
उल्लास ही उल्लास .


मौलिक एवं अप्रकाशित

ज्योतिर्मयी पन्त

Views: 498

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Dr Ashutosh Vajpeyee on October 28, 2013 at 6:06pm

बड़ी सुन्दर रचना बधाई हो 

Comment by Sushil.Joshi on October 24, 2013 at 7:40pm

इस चोका ने तो दीपावली के हर्ष को और भी प्रकाशमयी बना दिया है आ0 पंत जी.... हार्दिक बधाई एवं दीपावली की अग्रिम शुभकामनाएँ....

Comment by Jyotirmai Pant on October 23, 2013 at 12:51pm

अन्नपूर्णा जी ,अभिनव अरुण जी ,गिरिराज भंडारी जी ,गीतिका वेदिका जी ,अनुराग सैनी जी ,वैद्यनाथ `सारथी ` जी आप सभी का हार्दिक आभार रचना पसंद कर उत्साहवर्धन करने के लिए .

Comment by Saarthi Baidyanath on October 22, 2013 at 4:50pm

बढ़िया प्रस्तुति ...वाह जी :)

Comment by डॉ. अनुराग सैनी on October 21, 2013 at 11:13pm

दीवाली की बहुत बहुत शुभकामनाये | बधाई आपको 

Comment by वेदिका on October 21, 2013 at 8:36pm

दीपावली के प्रकाशित और उल्लासित चोका के लिए हार्दिक बधाई आ0 ज्योतिर्मयि जी!


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on October 21, 2013 at 8:10pm

आदरणीय ज्योतिर्मयी जी , दीपावली पर सुन्दर चोका के लिये बधाई !!!

Comment by Abhinav Arun on October 21, 2013 at 6:46am

अमीरी गरीबी की
सभी को मिले
ऊर्जा और प्रकाश
उल्लास ही उल्लास
..सुन्दर कामना प्रकाशपर्व पर ,...इसमें हमारे भी स्वर शामिल है आ. ज्योतिर्मयी जी हार्दिक बधाई !!

Comment by annapurna bajpai on October 20, 2013 at 11:04pm

आदरणीया ज्योतिर्मयी मैम! क्या  ही खूब चोका रचा है आपको बहुत बधाई । सादर 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
yesterday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Sunday
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Sunday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Sunday
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Saturday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
Saturday
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Saturday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service