For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

युवा क्रांति-रत्नेश रमण पाठक

आज देश भ्रष्टाचार की गंगोत्री में डुबकी लगा रही है .इससे निकलने की कोई उम्मीद नजर नहीं आरही है.हर नीति नाकामयाब दिख रही है .
ऐसे में जरुरत है युवा शक्ति की ,जो की देश को एक नयी दिशा दे ,इस गंगोत्री से निकाले.और इन सब के लिए जरुरी है युवाओं का राजनीती में भागीदारी सुनिश्चित होना.
मैं आह्वान करता हूँ की यदि हमें वंशवाद की राजनीति को खत्म करना है तो युवाओं को नए उमंग के साथ राजनीति में आना होगा। आज का युवा वर्ग अपने कर्तव्यों ,अधिकारों ,और देश प्रेम से मुह मोड़ रहा है .हर कोई अपने भविष्य की सोच रहा है ,अपने परिवार की सोच रहा है.लेकिन हमारा देश भी एक घर है,जिसका लगाम दिल्ली में बैठे हिजड़ों के हाथ में हैं.
जरा सोचिये अगर इसी तरह महात्मा गाँधी ,शुभाष चन्द्र बोस ,भगत सिंह ,खुदी राम बोस और जयप्रकाश नारायण ने सोचा होता तो क्या हम इस मुकाम पर पहुचते .इन वीर युवाओं ने अपने आप को देशहित में निस्वार्थ समर्पित कर दिया.
और एक बार फिर मौका आ गया है की हम एकजुट हो और लोकतंत्र का हिस्सा बनकर राजनीती की गन्दगी को साफ़ करें.
जिन उद्देश्यों को ले देश आजाद हुआ उसकी पूर्ति आज तक नहीं हुई। राजनीतिज्ञों ने राजनीति को धंधा बना लिया।
आज इस भारत आधुनिकता के दौर में युवा दिग्भ्रमित हो गए हैं,राजनीती में नहीं उतरना चाहते .क्यूँ?क्यूंकि इसका मुख्या कारन है राजनीती में बाहुबल और धनबल का प्रयोग, जिसे हम जड़ से उखाड़ फेकने की ताकत रखते है .जब हम युवा वर्षो से गुलाम भारत को अंग्रेजो से आजाद करा सकते है तो इन सियासत के कुत्तों से अपने भारत माता को आजाद कराना हमारे लिए नगण्य है.
मैं मानता हूँ की कुछ युवा राजनीती में उतरकर अपनी ईमानदारी ,काबिलियत,और शक्ति का परिचय देना चाहते हैं ,लेकिन उन्हें सिर्फ मोहरा बनाया जाता है,और अपने ही परिवेश ढालने की कोसिस की जाती है. पहले युवाओं के रोल माडल महात्मा गांधी, सुभाष चन्द्र बोस, जेपी व अम्बेदकर आदि हुआ करते थे। आज के राजनीति में उनके समक्ष ऐसा कोई रोल माडल नहीं है। अब वो समय आ गया है,अपने देश की बागडोर सँभालने का| . युवा शक्ति ही राजनीति को नई दिशा दे सकती है। युवा नजर बदलें--- देश के नजारे बदल जाएंगे। ऐसा हम अपने डंके की चोट पर कह रहे हैं.
हमें दुष्यंत की ..".कौन कहता है की आसमाँ में सुराख़ नहीं हो सकता ,एक पत्त्थर तो तबियत से उछालो यारो"....इन पंक्तियों से सिख लेना चाहिए और राजनीती में आगे आना चाहिए.
हम और आप युवा ही वंशवाद व भ्रष्टाचार से राजनीति को मुक्त करा सकते हैं.हम एकजुट होंगे अपने शौर्य और बुद्धिमानी से देश की दशा व दिशा बदलेंगे|.
वक़्त आने पर बतादेंगे ऐ आसमाँ ...हम अभी से क्या बताएं
क्या हमारे दिल में हैं.
हमें क्रांति लानी होगी एक बार फिर हमें अपनी ताकतों का परिचय देना पड़ेगा.और इस क्रांति का नाम युवा क्रांति होनी चाहिए.

Views: 273

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . .तकदीर
"आदरणीय अच्छे सार्थक दोहे हुए हैं , हार्दिक बधाई  आख़िरी दोहे की मात्रा फिर से गिन लीजिये …"
13 hours ago
सालिक गणवीर shared Admin's page on Facebook
18 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी's blog post was featured

एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]

एक धरती जो सदा से जल रही है   ********************************२१२२    २१२२     २१२२ एक इच्छा मन के…See More
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]

एक धरती जो सदा से जल रही है   ********************************२१२२    २१२२     २१२२ एक इच्छा मन के…See More
Tuesday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . .तकदीर

दोहा सप्तक. . . . . तकदीर   होती है हर हाथ में, किस्मत भरी लकीर । उसकी रहमत के बिना, कब बदले तकदीर…See More
Tuesday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ छियासठवाँ आयोजन है।.…See More
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आदरणीय  चेतन प्रकाश भाई  आपका हार्दिक आभार "
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आदरणीय बड़े भाई  आपका हार्दिक आभार "
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आभार आपका  आदरणीय  सुशील भाई "
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"भाई अखिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए हार्दिक आभार।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए धन्यवाद।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"भाई अमीरुद्दीन जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service