For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

'मैं' को ध्येय बनाऊँगी

कल्पना के मुक्त पर से

सीमाओं तक जाऊँगी।

दुश्वारियों से परे, निज

अस्तित्व को मैं पाऊँगी।।

पर हीन पंछी के हृदय

वेदना ने गान गाये।

बह न पाए अश्क जो भी,

वो शब्द सुर ही बन गये।

नभ सिन्धु तक सैर करके

रश्मि मोद चुन लाऊँगी।।

दुनिया के वीराने पथ

दृष्टि नहीं टिकती जिनपर।

संगीत सजायेंगे,उन

राहों से आहें चुनकर।

खुश होंगे सब पत्थर दिल,

गीत वही जब गाऊँगी।।

'मम' में परदर्द' जोड़कर

ऋण-ऋण धन बन जायेंगे।

तुष्ट बनेंगे हम दोनों

भोगी भी सुख पाएंगे।

एक दिन सुख-राशि बनकर

मिल 'अनन्त' में जाऊँगी।।

'मैं' नहीं व्यष्टि का द्योतक

साहित्य बसा है इसमें।

'मैं' की दिशा सही हो तो

संसार सजेगा सचमें।

हर 'मैं' उन्नत होने तक

'मैं को ध्येय बनाउँगी।।

-विन्दु

(मौलिक/अप्रकाशित)

Views: 986

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on December 6, 2013 at 7:37am

आदरणीया वंदना जी बहुत खूबसूरत रचना है बधाई स्वीकार करें

Comment by Vindu Babu on December 6, 2013 at 7:35am

आदरणीय बागी जी आपको रचना पसंद आई  रचना  सार्थक हुई।

जी सही जाना आपने टंकण में ही त्रुटि हो गयी,अभी एडमिन जी से निवेदन करती हूँ।

प्रोफाइल फ़ोटो लगाने का प्रयास किया पर जो फ़ॉर्मेट निर्धारित है उसकी फ़ोटो मेरे पास उपलब्ध नहीं थी...फिर पर्दे के पीछे से सीखने में जो आनंद है वो सामने से कहाँ आदरणीय!

खैर, मैं शीघ्र ही आपके आदेश का पालन करूंगी।

आपका बहुत आभार।

सादर

Comment by ram shiromani pathak on December 6, 2013 at 1:03am

सुन्दर प्रस्तुति आदरणीया वन्दना जी … हार्दिक बधाई आपको
आदरणीय गणेश जी से सहमतं हूँ ..... सादर

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on December 6, 2013 at 12:24am

 सुंदर शब्दों से , सकारात्मक पक्ष ली हुयी रचना पर बधाई स्वीकारें आदरणीया वंदना जी,

Comment by अरुन 'अनन्त' on December 5, 2013 at 5:13pm

आदरणीया वंदना बहन बहुत ही सुन्दर रचना भाव पक्ष बहुत ही आकर्षित करता है इस सुन्दर रचना पर बधाई स्वीकारें

Comment by वेदिका on December 5, 2013 at 1:50pm

बढ़िया रचना हुयी है, उच्च कथ्य और भाव समाहित है| एक प्रश्न दिमाग मे स्ट्राइक करता है, कल्पना तो असीम होती है न?

बधाई आदरणीया वंदना जी!

Comment by ram shiromani pathak on December 5, 2013 at 12:27am

आदरणीया वन्दना जी ,सुन्दर रचना /////// बधाई


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on December 4, 2013 at 6:11pm

आदरणीया वन्दना जी , सुंदर भावों से रची बसी रचना के लिये आपको बधाई !!!!!

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on December 4, 2013 at 2:01pm

वंदना जी

फूल बहुत अच्छे है i गुलदस्ता सजाने में और श्रम अपेक्षित है i

मेरी शुभ कामनाये  i


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on December 4, 2013 at 1:51pm

वंदना जी, रचना में निहित भाव बहुत ही सुन्दर हैं, शिल्प स्तर पर कुछ और समय और धैर्य कि मांग रचना करती है, बहरहाल रचना पसंद आयी | दुशारियों ? मैं नहीं समझ सका शायद टंकण त्रुटि है | बधाई इस प्रयास पर |

अंत में :- अब आप प्रोफाइल फ़ोटो लगा ही लीजिये |

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"आदरणीय रामबली जी बहुत ही उत्तम और सार्थक कुंडलिया का सृजन हुआ है ।हार्दिक बधाई सर"
19 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
" जी ! सही कहा है आपने. सादर प्रणाम. "
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाईजी, एक ही छंद में चित्र उभर कर शाब्दिक हुआ है। शिल्प और भाव का सुंदर संयोजन हुआ है।…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अशोक जी, सादर अभिवादन। रचना पर उपस्थिति स्नेह और मार्गदर्शन के लिए बहुत बहुत…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"अवश्य, आदरणीय अशोक भाई साहब।  31 वर्णों की व्यवस्था और पदांत का लघु-गुरू होना मनहरण की…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय भाई लक्षमण धामी जी सादर, आपने रचना संशोधित कर पुनः पोस्ट की है, किन्तु आपने घनाक्षरी की…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"मनहरण घनाक्षरी   नन्हें-नन्हें बच्चों के न हाथों में किताब और, पीठ पर शाला वाले, झोले का न भार…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। रचना पर उपस्थिति व स्नेहाशीष के लिए आभार। जल्दबाजी में त्रुटिपूर्ण…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"आयोजन में सारस्वत सहभागिता के लिए हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय लक्ष्मण धामी मुसाफिर जी। शीत ऋतु की सुंदर…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"शीत लहर ही चहुँदिश दिखती, है हुई तपन अतीत यहाँ।यौवन  जैसी  ठिठुरन  लेकर, आन …"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"सादर अभिवादन, आदरणीय।"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"सभी सदस्यों से रचना-प्रस्तुति की अपेक्षा है.. "
Saturday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service