खुशियों के हम दीप जलाएं
जग में उजियारा फैलाएं
हो हमसे कोई हृदय दुखी
वहाँ प्रेम का बीज बो आयें
खुशियों के हम दीप जलाएं
जग में उजियारा फैलाएं
हो न कोई भूखा, ग़मगीन
हों सब रोजगारी व ज़हीन
खुशियों के हम दीप जलाएं
जग में उजियारा फैलाएं
निर्भय हो समाज में सभी जहाँ
बेटियों का हो सम्मान जहाँ
खुशियों के हम दीप जलाएं
जग में उजियारा फैलाएं
भाई हों राम लक्ष्मण जहाँ
ना हो सीता वनवास जहाँ
खुशियों के हम दीप जलाएं
जग में उजियारा फैलाएं
चीरें सीना वसुन्धरा का
गुच्छे स्वर्ण बाली उगायें
खुशियों के हम दीप जलाएं
जग में उजियारा फैलाएं
मान करे बुजुर्गो का सभी
हम-तुम ऐसी रीत चलायें
खुशियों के हम दीप जलाएं
जग में उजियारा फैलाएं
मैलिक/अप्रकाशित
मीना पाठक
Comment
आदरणीय सौरभ जी, हौसलाअफजाई और मार्गदर्शन हेतु सादर नमन
आदरणीया मीनाजी, आपकी रचना को एक दृष्टि में देख गया. आपने अपनी प्रस्तुत कविता में पंक्ति सम्बद्ध मात्रिकता का समुचित निर्वहन किया है. यानि प्रति पंक्ति कुल मात्रा कमोबेश १६ है. अतः आपका प्रयास आश्वस्त तो करता है लेकिन बहुत कुछ की मांग भी करता है.
भावनाएँ और बिम्ब समुचित है कि रचनाकर्म किया जा सके. लेकिन शिल्प समब्नधी मूलभूत बातों को जानना आवश्यक है. पंक्तियों में सभी शब्दों की कुल मात्रिकता का समान रहना तो आवश्यक है ही सरस गेयता के लिए शब्दों को पंक्तियों में सही ढंग से रखा जाना भी आवश्यक है.
यानि, ऐसे शब्द जिनकी कुल मात्रा सम संख्या है के बाद का शब्द उसी के अनुसार सम संख्या वाली मात्रा का होना चाहिये. तथा, जिस शब्द की कुल मात्रा विषम संख्या हो तो उसके बाद विषम मात्रिक शब्द ही आना चाहिये. ऐसा नहीं होने पर कोई कविता हो या मात्रिक छंद उसकी लय बन ही नहीं सकती है.
उदाहरण के लिए निम्नलिखित पंक्ति देखें -
हो न कोई भूखा, ग़मगीन
हों सब रोजगारी व ज़हीन
हो न - २+१ = ३
कोई - २+२ = ४.... . ३ मात्रिक शब्द् अके बाद ४ मात्रिक शब्द यानि लय टूटी
इसी तरह से,
हों सब - २+२ = ४
रोज - २+१ = ३
गारी - २+२ =४ .. फिर लय टूटी
अब इसी उदाहरण के सापेक्ष पनी कविता को देख जाइये.
सादर
बहुत बहुत आभार आदरणीय जितेन्द्र जी
सादर आभार आदरणीय अरुन कुमार जी
बहुत बहुत आभार आदरणीय अरुन 'अनन्त जी
बहुत सुंदर सकारात्मक रचना, बधाई स्वीकारे आदरणीया मीना दीदी
सुन्दर सकारात्मक रचना.................
आदरणीया मीना जी बहुत ही सुन्दर भावपूर्ण प्रस्तुति सुन्दर सोच अच्छे विचार बहुत बहुत बधाई आपको
उत्साहवर्धन हेतु सादर आभार आ० संदीप जी
बहुत सुन्दर प्रस्तुति आदरणीया सादर बधाई स्वीकारें
जय हो
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