For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

खुशियों के हम दीप जलाएं

खुशियों के हम दीप जलाएं
जग में उजियारा फैलाएं  

हो हमसे कोई हृदय दुखी
वहाँ  प्रेम का बीज बो आयें
खुशियों के हम दीप जलाएं
जग में उजियारा फैलाएं 

हो न कोई भूखा, ग़मगीन
हों सब रोजगारी व ज़हीन
खुशियों के हम दीप जलाएं
जग में उजियारा फैलाएं 

निर्भय हो समाज में सभी जहाँ
बेटियों का हो सम्मान जहाँ  
खुशियों के हम दीप जलाएं
जग में उजियारा फैलाएं

भाई हों राम लक्ष्मण जहाँ
ना हो सीता वनवास जहाँ   
खुशियों के हम दीप जलाएं
जग में उजियारा फैलाएं

चीरें सीना वसुन्धरा का    
गुच्छे स्वर्ण बाली उगायें  
खुशियों के हम दीप जलाएं
जग में उजियारा फैलाएं
 
मान करे बुजुर्गो का सभी    
हम-तुम ऐसी रीत चलायें  
खुशियों के हम दीप जलाएं
जग में उजियारा फैलाएं

मैलिक/अप्रकाशित 

मीना पाठक

Views: 604

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Meena Pathak on December 6, 2013 at 1:40pm

आदरणीय शिज्जू शकूर जी रचना सराहने हेतु सादर आभार 

Comment by Meena Pathak on December 6, 2013 at 1:39pm

प्रिय राम शिरोमणि जी मार्गदर्शन के लिए सादर आभार 

Comment by Meena Pathak on December 6, 2013 at 1:36pm

आ० कुंती दी रचना सराहने के लिए सादर आभार | लोगों का अब भी भरोसा है दी कि सोना वसुन्धरा के आँचल में ही है :)

Comment by Meena Pathak on December 6, 2013 at 1:30pm

आदरणीय गिरिराज जी रचना पर उत्साहवर्धन करती टिप्पणी हेतु सादर आभार स्वीकार कीजिये 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on December 6, 2013 at 7:54am

//खुशियों के हम दीप जलाएं 
जग में उजियारा फैलाएं  // आदरणीया मीना जी बहुत अच्छे भाव हैं बधाई आपको

Comment by ram shiromani pathak on December 6, 2013 at 1:59am

सुन्दर प्रस्तुति  आदरणीया … हार्दिक बधाई आपको 

हो हमसे कोई हृदय दुखी 
वहाँ  प्रेम का बीज बो आयें ///////////कृपा कर इसे देख लें  ///////सादर 

Comment by coontee mukerji on December 6, 2013 at 12:58am

चीरें सीना वसुन्धरा का    
गुच्छे स्वर्ण बाली उगायें  
खुशियों के हम दीप जलाएं
जग में उजियारा फैलाएं.................क्या बात है मीना जी..हा..हा...मज़ा आ गया......लेकिन वसुंधरा सोना देते देते रह गयी.


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on December 5, 2013 at 8:54pm

आदरणीया मीना जी , सुन्दर सन्देश देती आपकी रचना के लिये आपको कोटिशः बधाई !!!!!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"दोहावली***आती पूनम रात जब, मन में उमगे प्रीतकरे पूर्ण तब चाँदनी, मधुर मिलन की रीत।१।*चाहे…"
23 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"स्वागतम 🎉"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

१२२/१२२/१२२/१२२ * कथा निर्धनों की कभी बोल सिक्के सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के।१। * महल…See More
Thursday
Admin posted discussions
Tuesday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Monday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण जी "
Jul 7
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण जी "
Jul 7
Chetan Prakash commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post घाव भले भर पीर न कोई मरने दे - लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"खूबसूरत ग़ज़ल हुई, बह्र भी दी जानी चाहिए थी। ' बेदम' काफ़िया , शे'र ( 6 ) और  (…"
Jul 6
Chetan Prakash commented on PHOOL SINGH's blog post यथार्थवाद और जीवन
"अध्ययन करने के पश्चात स्पष्ट दृष्टिगोचर होता है, उद्देश्य को प्राप्त कर ने में यद्यपि लेखक सफल…"
Jul 6

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh commented on PHOOL SINGH's blog post यथार्थवाद और जीवन
"सुविचारित सुंदर आलेख "
Jul 5

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post घाव भले भर पीर न कोई मरने दे - लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"बहुत सुंदर ग़ज़ल ... सभी अशआर अच्छे हैं और रदीफ़ भी बेहद सुंदर  बधाई सृजन पर "
Jul 5
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (अलग-अलग अब छत्ते हैं)
"आ. भाई अजय जी, सादर अभिवादन। परिवर्तन के बाद गजल निखर गयी है हार्दिक बधाई।"
Jul 3

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service