तुम हो कली कश्मीर की , कोई फ़ना हो जाएगा
रब देख ले तुझको अगर , वो भी फ़िदा हो जाएगा /१
कोरा दुपट्टा बांध लो, पतली कमर के खूंट से
सरकी अगर ये नाज़ से , मौसम खफ़ा हो जाएगा/२
साहिब बहाने से गया, मैं बारहा उसकी गली
दिख जाये गर शोला बदन , कुछ तो नफा हो जाएगा /३
शीशे से नाजुक हुस्न पर, जालिम बड़ी मगरूर है
दो पल की है ये नाजुकी, फिर सब हवा हो जाएगा /४
मुझको सज़ा-ए-मौत दो , शामिल रहा हूँ क़त्ल में
उनको सुकूँ मिल जाएगी, हक़ भी अदा हो जाएगा/५
कोई मुसाफिर भूल कर, जाये उधर तो रोक लो
तफ़सील से समझा उसे, वो गुमशुदा हो जाएगा/६
माँ की नजर जो पड़ गई उस पर कभी ईमान से
सच कह रहा हूँ तिफ़्ल भी, कल बादशा हो जाएगा/७
भगवान मुझको माफ़ कर, मजबूर हूँ मैं इस कदर
दो जून की रोटी जो दे, मेरा खुदा हो जाएगा/८
माने कहाँ गुस्ताख़ दिल, देखे लगाकर टकटकी
नादान है दो पल में ही , सबको पता हो जाएगा/९
पैसे के पीछे भागते, इंसान को मत रोकिये
थक जाएगा, फिर हारकर खुद ही जुदा हो जाएगा/१०
शैदाइ सारे हैं जमा , तू सारथी की है ग़ज़ल
घूँघट उठाकर देख लो, सबका भला हो जाएगा/११
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अरकान : २२१२ २२१२ २२१२ २२१२
सर्वथा मौलिक व अप्रकाशित
तर्जुमा: फना = मर मिटना ,तफ़सील =विस्तार से ,तिफ़्ल =बच्चा ,शैदाई =चाहने वाले
Comment
bahut khoob bahut umdaaaa sabhi ashaar qabile tareef Baidya natha sahab Dili DaaaD Hazir Hai
बेहतरीन गज़ल हुई आदरणीय | बधाई कुबूल कीजिये
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