कर दिया आम मिरे इश्क़ का चर्चा देखो
देखो ज़ालिम कि मुहब्बत का तरीक़ा देखो
याद करना कि मिरे दर्द कि शिद्दत क्या थी
खुद को ज़र्रों में कभी तुम जो बिखरता देखो
खूं तमन्ना का मुसलसल यहाँ बहता है अब
मेरी आँखों में है इक दर्द का दरिया देखो
यूँ सुना है कि वो नादिम है जफ़ा पे अपनी
उसके चेहरे पे जफाओं का पसीना देखो
अपने हाथों से सजाके में करूँगा रुखसत
कर लिया है मेने पत्थर का कलेजा देखो
ये हिना सुर्ख ज़रा…
ContinuePosted on October 23, 2014 at 3:00pm — 7 Comments
वज़न २२१२ २२१२ २२१२ १२
उसने दिया इनकार का पैग़ाम उम्र भर
हाँसिल नहीं कुछ बस हुआ बदनाम उम्र भर
ये मुद्दतों की प्यास है मिटती अबस तभी
अपनी नज़र से जब पिलाती जाम उम्र भर
आग़ाज़ मोहब्बत का था जब दर्द से भरा
लाज़िम मुझे सहना ही था अंजाम उम्र भर
बस एक तिरी ख्वाहिश में खोया वजूद तक
ये ज़िन्दगी भी रह गई बे-नाम उम्र भर
दिल की तिजारत दर्द से बिस्मिल किया किये
उल्फत में बस ये ही रहा एक ख़ाम…
ContinuePosted on January 5, 2014 at 8:30pm — 11 Comments
2122 2122 2122 2121
ख़म नहीं ज़ुल्फ़ों के ये जिनको कि सुलझायेंगे आप
उलझने हैं इश्क़ की फिर से उलझ जायेंगे आप
कौन कहता है मुहब्बत अक्स है तन्हाइयों का
हम न होंगे साथ जब साये से घबराएंगे आप
दे तो दोगे इस ज़माने के सवालो का जवाब
दिल नहीं सुनता किसी की कैसे समझायेंगे आप
जा रहे हो बे-रुखी से जान लो इतना ज़रूर
क़द्र जब होगी मुहब्बत कि…
Posted on December 7, 2013 at 2:30pm — 11 Comments
जहाँ से अब ज़रा चलने कि तैयारी करो बिस्मिल
वहम में जी लिए कितना कि बेदारी करो बिस्मिल
जमाने ने किसे रहने दिया है चैन से अब तक
पुरानी बात छोड़ो खुद को चिंगारी करो बिस्मिल
बुरा हो वक़्त कितना भी न घबराना कभी इस से
गया अब वक़्त गर्दिश का न दिल भारी करो बिस्मिल
ग़रीबों का दुखाना मत कभी भी दिल मेरे दोस्त
दुआ किसकी मिलेगी फिर जो ज़रदारी करो बिस्मिल
सवर जाये अगर इस से बुरा क्या है ज़रा सोंचो
कभी इस मुल्क की…
Posted on November 16, 2013 at 8:00pm — 25 Comments
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आभार आदरणीय बिस्मिल जी
bahut shukria aap sabhi admin hazraat ka ,, mujhe bazam ka hissa bankar bahut khushi hui