For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

लघु कथा :- बीस बाईस वर्ष का बूढ़ा...

नगर बस में भीड़ के रेले में धकियाया गया एक बुढ्ढा बेचारा.
छोटे कद के कारण न तो छत पर लटके हैंडल पकड़ पा रहा था और न ही सीट पर सहारा पाने कि कोई उम्मीद ही दिख रही थी. नगर बस में कई जगह ' अपने से ज्यादा ज़रुरत मंदों को सीट दे ' के सूचना पट्टियाँ लगीं थी और उस बूढ़े कि खिल्ली उड़ा रहीं थीं .
अचानक एक सीट खाली हुई...आशा भरी द्रष्टि से बूढा उस सीट की ओर लपका. तभी एक बीस बाईस वर्ष का एक लड़का अपनी उम्र को दर्शाती फुर्ती के साथ सीट पर काबिज़ हो गया, और बुढ्ढा एक बार फिर निराश.
लोगों ने लड़के से बुढ्ढे को सीट देने को कहा तो लड़के ने सूचना पट्टी की ओर इंगित किया ....
ऊपर लिखा था ...." स्वतंत्रता सेनानियों के लिए आरक्षित "
लड़का लोगों को संतुष्ट कर रहा था "मैं स्वतंत्रता- सेनानी का नाती हूँ न"
डॉ. ब्रिजेश

Views: 527

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Dr.Brijesh Kumar Tripathi on February 6, 2011 at 11:47am
गणेश भाई आपके द्वारा दी गयी प्रतिक्रिया का आभारी हूँ किन्तु मै तो स्वतंत्रता संग्राम सेनानिओं को मिल रही सुविधाओं के दुरुपयोग पर आप सभी विद्वतजनों का ध्यानाकर्षण चाहता था . शायद इसमें मैं असफल हुआ ....
Comment by Abhinav Arun on February 6, 2011 at 9:39am

सच्ची बात हम तरक्की कर रहे हैं ,पर संवेदन हीन विकास हमें कहाँ ले जा रहा है ?

अभी एक पोस्ट में मैंने कहा  है -

"जब बुजुर्गों के चरण छूते थे हम ,

दौर एक ऐसा अदब का था गया |"

प्रभाव लघु कथा के लिये साधुवाद |

Comment by आशीष यादव on February 5, 2011 at 7:52am
yah shikshaprad laghukatha padhkar bahut achchha laga. ye sare ku kartawya hame sochne pe majboor kar dete hai.  kaun asli hakdaar hai uski parwaah kiye bagair samarth jan kaabij ho jaate hai, ye bahut buri baat hai|
Comment by Rash Bihari Ravi on February 3, 2011 at 1:12pm
bahut sundar sikchhaprad

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on February 2, 2011 at 7:08pm
ब्रिजेश सर, कुछ दिनों के अंतराल के बाद OBO पर  आपकी वापसी बहुत ही सुखकर लगा, आप की लघु कथा बहुत कुछ कहने मे समर्थ है, युवा वर्ग को सोचना होगा कि क्या हमारी संवेदना ख़त्म होती जा रही है या वास्तव मे २० / २२ वर्ष कि उम्र मे ही हम बूढ़े हो जा रहे है जो एक बुजुर्ग कि उपेक्षा कर रहे है | बहरहाल एक बेहतरीन और शिक्षाप्रद लघु कथा हेतु बधाई स्वीकार करे |

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं।हार्दिक बधाई। भाई रामबली जी का कथन उचित है।…"
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"आदरणीय रामबली जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । बात  आपकी सही है रिद्म में…"
Tuesday
रामबली गुप्ता commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"बड़े ही सुंदर दोहे हुए हैं भाई जी लेकिन चावल और भात दोनों एक ही बात है। सम्भव हो तो भात की जगह दाल…"
Monday
रामबली गुप्ता commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"हार्दिक आभार भाई लक्ष्मण धामी जी"
Monday
रामबली गुप्ता commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"हार्दिक आभार भाई चेतन प्रकाश जी"
Monday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आदरणीय, सुशील सरना जी,नमस्कार, पहली बार आपकी पोस्ट किसी ओ. बी. ओ. के किसी आयोजन में दृष्टिगोचर हुई।…"
Sunday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . . रिश्ते
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय "
Sunday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार "
Sunday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . संबंध
"आदरणीय रामबली जी सृजन के भावों को आत्मीय मान से सम्मानित करने का दिल से आभार ।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर छंद हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
Sunday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"रोला छंद . . . . हृदय न माने बात, कभी वो काम न करना ।सदा सत्य के साथ , राह  पर …"
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service