For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

तोड़ धैर्य के बाँध को, उफन गया सैलाब।

कुछ से उम्मीदें बढ़ीं, कुछ के टूटे ख़्वाब।।

 

लाँघी सीमा क्रोध की, ऐसा क्या आक्रोश।

भला बुरा सोचा नहीं, अंधा सारा जोश।।

 

श्रम भी काम न आ सका, काम न आया अर्थ।

बुरे कर्म की कालिमा, यत्न हुआ सब व्यर्थ।।

 

राग द्वेष का हो मुखर, जिनके मुख से राग।

शक्ति उन्हें मिल ही गई, जो-जो उगलें आग।।

 

ज्यों बिल्ली के भाग से, छींका फूटा आज।

दण्ड एक को यों मिला, दूजा पाये राज।।

 

(मौलिक व अप्रकाशित)

Views: 783

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on May 21, 2014 at 9:29pm

आदरणीया मीना जी आपका बहुत बहुत शुक्रिया


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on May 21, 2014 at 9:28pm

आदरणीय डॉ गोपाल सर रचना की सराहना के लिये आपका आभारी हूँ

Comment by Sushil Sarna on May 21, 2014 at 5:42pm

वाह आदरणीय शिज्जु शकूर जी वाह बहुत ही सुंदर और शिल्प में कसे हुए सार्थक दोहे  … इस हेतु आपको हार्दिक बधाई 

Comment by आशीष नैथानी 'सलिल' on May 21, 2014 at 12:58pm

बहुत शानदार दोहे हैं शिज्जु भाई जी !
बधाई !!

Comment by Meena Pathak on May 21, 2014 at 12:08pm

क्या बात है ... बहुत सुन्दर दोहे ,,, बधाई आ० शिज्जू जी | सादर 

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on May 21, 2014 at 11:56am

शिज्जू जी

क्या बात है ?

इतना सुन्दर शिल्प  i भावपूर्ण भी i मस्त i

बधाई हो i


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on May 21, 2014 at 11:25am

है मेरी ये कामना, हो सपने साकार।
सच्चाई पर सोच के, करना आप विचार।।

आदरणीय अरुण सर रचना की सराहना के लिये आपका बहुत बहुत शुक्रिया


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on May 21, 2014 at 11:24am

आदरणीय श्यामनारायण सर आपका हार्दिक आभार


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by अरुण कुमार निगम on May 21, 2014 at 11:16am

आदरणीय शिज्जू शकूर जी, 

सटीक दोहावली के लिए बधाइयाँ...................

नई-नई नौटंकियाँ, नाटक नित्य निहार 

होने वाले मित्रवर , सब सपने साकार ||

Comment by Shyam Narain Verma on May 21, 2014 at 11:09am
यथार्थ भाव रचित सुन्दर और सामयिक दोहे | हार्दिक बधाई आदरणीय ...................

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Dec 13
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Dec 13

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Dec 12
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service