For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

पराजय कभी इतनी बड़ी नही होती कि ,
आदमी का मनोबल छीन ले जाये ...
हमेशा नए ख्वाब देखो
नक्षत्रों पर भरोसा रखो
कभी भी ' तथास्तु ' कह सकते हैं ...
इस विश्वास से ये सबक सीखो
बुरी बात कभी मुँह से मत निकालो .
बहुत दबे पाँव चलना होता है
मुसीबतें रास्ता रोके खड़ी होती हैं ,
लक्ष्य - भेद उम्र भर का मसला होता है ......
सारथी का चयन भी नही होता आसान
दुर्योधन पूरी सोच पर कब्ज़ा जमाये खड़ा होता है !

Views: 478

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by prabhat kumar roy on March 29, 2011 at 6:41am
पराजय कभी इतनी बड़ी नही होती कि ,
आदमी का मनोबल छीन ले जाये
Grand words initiating a vary good poem of poetess RASHMI PRABHA.
Comment by neeraj tripathi on March 8, 2011 at 11:54am
लक्ष्य - भेद उम्र भर का मसला होता है.... sundar kavita...
Comment by Dr Nutan on March 5, 2011 at 12:42am
bahut sundar soch... aur sundar abhivyaqti..
Comment by seema singhal on March 3, 2011 at 3:28pm

बुरी बात कभी मुँह से मत निकालो .
बहुत दबे पाँव चलना होता है
मुसीबतें रास्ता रोके खड़ी होती हैं ,

बहुत ही गहन भाव लिये बेहतरीन अभिव्‍यक्ति ।

Comment by rashmi prabha on March 2, 2011 at 12:42pm
शुक्रिया
Comment by दिगंबर नासवा on March 2, 2011 at 12:19pm
गहन अभिव्यक्ति ....
Comment by rashmi prabha on March 1, 2011 at 9:04pm
शुक्रिया ...
Comment by Veerendra Jain on March 1, 2011 at 7:28pm

हमेशा नए ख्वाब देखो
नक्षत्रों पर भरोसा रखो
कभी भी ' तथास्तु ' कह सकते हैं ...

 

waah waah .... Rashmi ji... bahut hi behatarin kavita ...bahut bahut badhai aapko...


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on February 28, 2011 at 7:44pm

रश्मि जी बेहद उम्द्दा भाव को समेटे , थोड़े में बहुत कुछ कह सकने  में सक्षम है यह कविता,

 

सारथी का चयन भी नही होता आसान
दुर्योधन पूरी सोच पर कब्ज़ा जमाये खड़ा होता है !  वाह वाह क्या बात है , बड़ी दूर तक की सोच है , आपकी लेखनी को नमन |

 

बहुत बहुत बधाई इस बेहतरीन अभिव्यक्ति पर |

Comment by Abhinav Arun on February 27, 2011 at 6:52pm
एक गहन और सशक्त कथ्य की कविता | शुभकामनाएं !!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"जी, कुछ और प्रयास करने का अवसर मिलेगा। सादर.."
21 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"क्या उचित न होगा, कि, अगले आयोजन में हम सभी पुनः इसी छंद पर कार्य करें..  आप सभी की अनुमति…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय.  मैं प्रथम पद के अंतिम चरण की ओर इंगित कर रहा था. ..  कभी कहीं…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
""किंतु कहूँ एक बात, आदरणीय आपसे, कहीं-कहीं पंक्तियों के अर्थ में दुराव है".... जी!…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"जी जी .. हा हा हा ..  सादर"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"अवश्य आदरणीय.. "
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ जी  प्रयास पर आपकी उपस्थिति और मार्गदर्शन मिला..हार्दिक आभारआपका //जानिए कि रचना…"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन।छंदो पर उपस्थिति, स्नेह व मार्गदर्शन के लिए आभार। इस पर पुनः प्रयास…"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. प्रतिभा बहन, सादर अभिवादन। छंदो पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए धन्यवाद।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अशोक जी, सादर अभिवादन।छंदों पर उपस्थिति उत्तसाहवर्धन और सुझाव के लिए आभार। प्रयास रहेगा कि…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"हर्दिक धन्यवाद, आदरणीय.. "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"वाह वाह वाह ..  दूसरा प्रयास है ये, बढिया अभ्यास है ये, बिम्ब और साधना का सुन्दर बहाव…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service