कभी तो प्यार हमको वो किया होता
वफा के नाम पे धोखा दिया होता
तड़पती रूह को भी चैन आ जाता
कफ़न उसने हमारा गर सिया होता
शिकायत जिन्दगी से हम नहीं करते
दवा बन दर्द वो मेरा लिया होता
न मैखाने कभी जाते भुलाने गम
हमारे अश्क उसने गर पिया होता
हमें तो जिन्दगी से प्यार हो जाता
अगर वो साथ दो पल बस जिया होता
मौलिक एवं अप्रकाशित अखंड गहमरी
Comment
हमें तो जिन्दगी से प्यार हो जाता
अगर वो साथ दो पल बस जिया होता ......... वाह ...
आप मेहनत कर रहे हैं, इसकी पूरी उम्मीद है. किन्तु, ऐसे कई तथ्य हैं जिनको रचनाकर्म के पहले ही साधना होता है. आप उनपर ध्यान दें. यह स्वाध्याय से ही संभव है.
एक बात :
आपने कहाँ देखा है कि कफ़न सिला हुआ होता है ? कफ़न में सिलाई होती है भी है क्या ?
आदरणीय अखंड भाई , खूब सूरत गज़ल के लिये बधाइयाँ !!
में तो जिन्दगी से प्यार हो जाता
अगर वो साथ दो पल बस जिया होता
बधाई सर जी
गह्मरी जी
बेहतरीन i
बहुत सुन्दर अखंड जी ....सादर बधाई
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