निगरानी टीम रघुआ को गिरफ्तार कर अपने साथ ले गई, दरअसल वो सब्जी बाज़ार मे अवैध बिजली वितरण का धंधा स्थानीय कर्मचारियों और अधिकारियों की मिलीभगत से चला रहा था और प्रतिदिन प्रति बल्ब २० रुपये की वसूली सब्जी दुकानदारों से करता था.
लेकिन दूसरे ही दिन वो पुलिस हिरासत से वापस आ गया. कुछ विशेष नही बदला, सब कुछ पहले की तरह ही चलने लगा, बस अब बिजली किराया प्रतिदिन ३० रुपया हो गया था.
(मौलिक व अप्रकाशित)
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Comment
कटु सत्य
आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव जी, लघुकथा पर आपकी उपस्थिति हौसलाफजाई करती है, सराहना हेतु बहुत बहुत आभार।
लघुकथा आप तक पहुँच सकी,लेखन कर्म सार्थक हुआ, उत्साहवर्धन करती टिप्पणी हेतु बहुत बहुत आभार आदरणीय आशुतोष मिश्र जी।
सराहना हेतु आभार आदरणीय जितेन्द्र गीत जी।
आदरणीया राजेश कुमारी जी, लघुकथा पर आपकी उपस्थिति उत्साहवर्धन का कारण है, हौसलाफजाई हेतु बहुत बहुत आभार।
बहुत बहुत आभार आदरणीय दीपक कुलवी जी .
गले मिले मौसेरे भाई । दोनों की बन आई ॥
इस कथा से यह शिक्षा मिलती है कि ....... मिल बाँट के हम सब खायें। इस देश का धर्म निभायें॥ लघु कथा पर मेरी हार्दिक बधाई स्वीकार करें आदरणीय गणेश भाई
उत्साहवर्धन करती टिप्पणी हेतु बहुत बहुत आभार आदरणीय विनय कुमार सिंह जी।
आदरणीय उमाशंकर जी, ओ बी ओ परिवार में आपका सदैव स्वागत है, हम सभी आपका इन्तजार करते हैं, मेरी रचनाओं को पसंद करने हेतु दिल से आभारी हूँ।
आप के कहे से सहमत हूँ आदरणीय डॉ गोपाल नारायण जी, आपकी उत्साहवर्धन करती टिप्पणी हेतु बहुत बहुत आभार।
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