Comment
आदरणीय हरिबल्लभ जी बहुत बहुत धन्यवाद |
आदरणीय खुर्शीद जी बहुत बहुत धन्यवाद
आदरणीय गोपाल नारायण जी बहुत बहुत शुक्रिया
आदरणीय गुमनाम जी बहुत बहुत आभार
आदरणीय गिरिराज भंडारी जी आपका बहुत बहुत आभार
हमने देखे २१२२ / हैँ तुम्ही मेँ २१२२ / अपने दोनो २१२२ / ही जहाँ २१२
आदरणीय नीरज भाई , इस मिसरे की तक्तीअ , २१२२ २१२२ २१२२ २१२ होगी , जो एक मान्य बहर है | आपने भी सही तक्तीअ की है |
आदरणीय नीरज भाई , ' मैं ' का मूल वजन २ होता है , लेकिन आपके जो शे र उदाहरण स्वरुप लिखा है , उसमे मैं की मत्रा गिराई गयी है , और १ मात्रा ली गयी है , जो नियमानुसार सही है --
मैं खुद से १२२ / कभी ये १२२ /सिफारिश १२२ / करूंगा १२२ /
तुम्हें भू १२२ / लने की १२२ / गुजारिश १२२ / करूंगा १२२
आपकी ग़ज़ल में --- भर , फिर , अब , जब , पर्दा ( २२ ) , दिल , और इस , ये सभी २ मात्रा वाले शब्द हैं , इन्हें गिरा कर १ मात्रा नहीं किया जा सकता , इन्ही के कारण मिसरे बे बहर हो रहे हैं |
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online