हमारे पास आता जो वही दिल तोड़ जाता है
रहे जलता हमारा दिल मगर वो मुस्कुराता है
हमारी जिन्दगी में क्यों अधेरा ही रहे छाया
मिले न चैन दिल को क्यों भटकती है मेरी काया
न कोई दो कदम चल कर हमें जीना सिखाता है
रहे जलता हमारा दिल मगर वो मुस्कुराता है
हमारे पास आता जो वही दिल तोड़ जाता है
न नदियों को कभी देखा मिलाते दो किनारो को
बचाते फूल को मैने नहीं देखा बहारो को
जिसे हम खास कहते है वही हमको मिटाता है
रहे जलता हमारा दिल मगर वो मुस्कुराता है
हमारे पास आता जो वही दिल तोड़ जाता है
हमे लगता है डर भी अब किसी के पास आने से।।29
बसा कर दिल में अब उसको हमें अपना बनाने से।।29
न बतलाये कभी हमको हमें वो क्यों सताता हैं
रहे जलता हमारा दिल मगर वो मुस्कुराता है
हमारे पास आता जो वही दिल तोड़ जाता है
मौलिक एवं अप्रकाशित अखंड गहमरी गहमर गाजीपुर
Comment
आपके उत्साहवर्धन एवं मार्गदर्शन के सदैव आकांक्षी है नमन स्वीकार करें आदरणीय Sulabh Agnihotri जी
आपके उत्साहवर्धन एवं मार्गदर्शन के सदैव आकांक्षी है नमन स्वीकार करें आदरणीय गणेश जी बागी जी
आपके उत्साहवर्धन एवं मार्गदर्शन के सदैव आकांक्षी है नमन स्वीकार करें आदरणीया राजेश कुमारी जी
सुन्दर भावपूर्ण गीत बहुत खूब आ० अखंड गहमरी जी हार्दिक बधाई आपको.
इस प्रयास को प्रोत्साहित करते हुए और बेहतर की उम्मीद है, बधाई आदरणीय गहमरी जी।
न नदियों को कभी देखा मिलाते दो किनारो को
बचाते फूल को मैने नहीं देखा बहारो को
जिसे हम खास कहते है वही हमको मिटाता है
रहे जलता हमारा दिल मगर वो मुस्कुराता है
हमारे पास आता जो वही दिल तोड़ जाता है
वाह ! बहुत सुन्दर ।
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