For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

* गाँव आ गया*

उबड़ खाबड़ सड़कें,गाड़ी
हिचकोले खाती।
सड़क किनारे लगीं सब्जियाँ
मन में बस जातीं
शुद्ध हवा साँस खिल आए।
गाँव आ गया।

पानी लेने ललनाएँ भी
दूर दूर आती।
सिर काँधें पर धरी गगरियाँ
छलक छलक जाती।
गागर कटि संग लचकी जाये।
गाँव आ गया।

लिपे पुते हैं सजे धजे से
आँगन दालानें।
भोली भाली सरल सहज सी
निश्छल मुस्कानें।
आँगन को तुलसी महकाये।
गाँव आ गया।

आम नीम जामुन कनेर के
पग पग पेड़ लगे।
तरस गईं आँखें भी देखने
झुरमुट पेड़ घने।
हरियाली तन मन पर छाये।
गाँव आ गया।....सीमा हरी शर्मा 08.10.2014

(मौलिक एवं अप्रकाशित)

Views: 440

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by seemahari sharma on October 12, 2014 at 11:57pm
बहुत बहुत धन्यवाद आपका rajesh kumari जी आपने रचना को सराहा लिखना सार्थक रहा।
Comment by seemahari sharma on October 12, 2014 at 11:54pm
आदरणीय डॉ गोपाल नारायण श्रीवास्तव बहुत बहुत आभार आपका आपने सही कहा आदरणीय गाँव का ओर भी चित्रन किया जा सकता था विस्तार करने का प्रयास करुँगी सादर ।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on October 12, 2014 at 11:14am

बहुत सुन्दर शब्दों में गाँव के चित्र उकेरती आपकी रचना हेतु हार्दिक बधाई प्रिय सीमा जी .

Comment by seemahari sharma on October 10, 2014 at 11:14pm
आभार आदरणीय Shyam Narain Verma जी आपने रचना को सराहा।
Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on October 10, 2014 at 5:08pm

सीमा जी

गाँव की एक विहंगम झांकी दिखाकर आप ओझल हो गयी i कुछ और दृश्य देती तो बड़ा सुकून मिलता i आपको बधाई i

Comment by Shyam Narain Verma on October 9, 2014 at 10:18am

" सुंदर रचना के लिए बहुत बधाई सादर............. "

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-174
"आदरणीय दयाराम जी नमस्कार ख़ूब ग़ज़ल हुई बधाई स्वीकार कीजिये अमित जी की इस्लाह क़ाबिले ग़ौर है सादर"
4 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-174
"आदरणीय चेतन जी नमस्कार ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है बधाई स्वीकार कीजिये अमित जी की इस्लाह क़ाबिले ग़ौर…"
4 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-174
"आदरणीय संजय जी नमस्कार बहुत ही ख़ूब हुई है ग़ज़ल बधाई स्वीकार कीजए गुणीजनों की टिप्पणियों से काफी कुछ…"
4 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-174
"आदरणीय नीलेश जी नमस्कार बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई आपकी बधाई स्वीकार कीजिये गुणीजनों की टिप्पणियों से सीखने…"
4 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-174
"आदरणीय लक्ष्मण जी नमस्कार बहुत शुक्रिया आपका सादर"
4 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-174
"आदरणीय दयाराम जी नमस्कार बहुत शुक्रिया आपका सादर"
4 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-174
"आदरणीय संजय जी  संज्ञान लेने के लिए आभार आपका सुधार कर लेती हूँ सादर"
4 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-174
"आदरणीय चेतन जी नमस्कार बहुत शुक्रिया आपका सादर"
4 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-174
"‌आदरणीय Chetan Prakash जी आदाब। ग़ज़ल के प्रयास पर बधाई स्वीकार करें  कोई तो पूछता ख़ुदा…"
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-174
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन।गजल का प्रयास अच्छा हुआ है। हार्दिक बधाई।"
5 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-174
"आ.संजय शुक्ल तल्ख़,  आदाब,  अलग अंदाज है, का ग़ज़ल कहने का,और सराहनीय ग़ज़ल हुई आपकी! आ.…"
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-174
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन।गजल पर उपस्थिति, उत्साहवर्धन और सुझाव के लिए हार्दिक आभार।"
6 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service