For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

अपनी दिवाली (लघुकथा)

"माँ ! आज मैं सुबह ही सभी के घर जाकर,  दियो में बचे हुए तेल इकठ्ठा कर लाया हूँ,
आज तो पूड़ी बनाओगी ना? "

"मौलिक व अप्रकाशित"

Views: 806

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Pawan Kumar on November 6, 2014 at 2:21pm

आदरणीय योगराज प्रभाकर जी सादर अभिवादन, उत्साहवर्धन हेतु हार्दिक आभार!


प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on November 3, 2014 at 10:58am

बहुत खूब भाई पवन कुमार जी।
भाई दीपक मशाल जी, ओबीओ पर बिना सोचे समझे टिप्पणी दिए जाने वाली आपकी बात से मैं कुछ हद तक सहमत हूँ, लेकिन पूरी तरह नहीं। हमारा उद्देश्य ऐसा कभी नहीं रहा, आश्वस्त रहें। और वार्तालाप शैली में लघुकथा कहने का प्रचलन कोई आज से नहीं है, बल्कि इसे लघुकथा की एक खूबी भी माना जाता है बशर्ते कि लघुकथा अपना सन्देश देने में सफल रहे।

Comment by Pawan Kumar on November 1, 2014 at 10:31am

आदरणीया विन्दु जी सादर अभिवादन, प्रोत्साहन हेतु हार्दिक आभार!

Comment by Vindu Babu on October 30, 2014 at 9:32pm

कथ्य मार्मिक है आदरणीय पवन जी।

सादर शुभकामनाएँ

Comment by Pawan Kumar on October 30, 2014 at 5:32pm

आदरणीय श्री शरदिन्दु मुकर्जी जी सादर अभिवादन,  आपने कथा पर अपना अमुल्य समय दिया जिसके लिए बहुत बहुत धन्यवाद, उत्साहवर्धन हेतु हार्दिक आभार!

Comment by Pawan Kumar on October 30, 2014 at 5:31pm

आदरणीय डा0 गोपाल नारायन श्रीवास्तव जी सादर अभिवादन, आपने लघुकथा की इतनी विस्तृत जानकारी दी जिसका मुझे जरा भी ज्ञान नही था, अब तो उत्साह और बढ गया जिससे रचनाकर्म में सहयोग मिलेगा। भविष्य में यूँ ही सस्नेह मार्गदर्शन करते रहिएगा, कथा को स्वीकारने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद, हार्दिक आभार!

Comment by Pawan Kumar on October 30, 2014 at 5:31pm

आदरणीय सोमेश जी सादर अभिवादन, प्रोत्साहन हेतु हार्दिक आभार।

Comment by Pawan Kumar on October 30, 2014 at 5:30pm

आदरणीय दीपक जी सादर अभिवादन, आप सभी की टिप्पणियों से जिज्ञासा बढ जाती है और परत दर परत खोलकर किसी भी रचना की गहराई तक जाने की इच्छा होती है, बहुत कुछ सिखने को मिलता है।
रचना पर समय देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद! सादर आभार!

Comment by Pawan Kumar on October 30, 2014 at 5:30pm

आदरणीय जितेन्द्र भईया सादर अभिवादन, प्रोत्साहन हेतु हार्दिक आभार!


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by sharadindu mukerji on October 27, 2014 at 2:57am
बहुत सुंदर. आदरणीय डॉ गोपाल नारायन जी ने अपने सुस्पष्ट विचार रखे हैं और उनसे मैं पूरी तरह सहमत हूँ. भाई पवन जी आप अपनी सोच और उस सोच से उद्गत सृजन को अपने पथ पर अग्रसर होने दें....आलोचना अथवा टिप्पणियाँ उन्हें भ्रमित न करने पाएँ. आपकी रचनाओं की प्रतीक्षा रहेगी. शुभकामनाएँ.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"हार्दिक स्वागत मुहतरम जनाब दयाराम मेठानी साहिब। विषयांतर्गत बढ़िया उम्दा और भावपूर्ण प्रेरक रचना।…"
3 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
" जय/पराजय कालेज के वार्षिकोत्सव के अवसर पर अनेक खेलकूद प्रतियोगिताओं एवं साहित्यिक…"
4 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"हाइमन कमीशन (लघुकथा) : रात का समय था। हर रोज़ की तरह प्रतिज्ञा अपने कमरे की एक दीवार के…"
4 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"आदाब। हार्दिक स्वागत आदरणीय विभारानी श्रीवास्तव जी। विषयांतर्गत बढ़िया समसामयिक रचना।"
5 hours ago
vibha rani shrivastava replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
""ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123विषय : जय/पराजय आषाढ़ का एक दिन “बुधौल लाने के…"
10 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"आदाब। हार्दिक स्वागत आपकी रचना का। प्रदत्त विषयांतर्गत बेहद भावपूर्ण और विचारोत्तेजक कथानक व कथ्य…"
12 hours ago
रक्षिता सिंह replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"सादर प्रणाम, आदरणीय ।"
yesterday
रक्षिता सिंह replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"सुन, ससुराल में किसी से दब के रहने की कोई ज़रूरत नहीं है। अरे भाई, हमने कोई फ्री में सादी थोड़ी की…"
yesterday
Nilesh Shevgaonkar shared their blog post on Facebook
yesterday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"स्वागतम"
yesterday
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"आदरणीय गजेंद्र जी, हृदय से आभारी हूं आपकी भावना के प्रति। बस एक छोटा सा प्रयास भर है शेर के कुछ…"
yesterday
Gajendra shrotriya replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"इस कठिन ज़मीन पर अच्छे अशआर निकाले सर आपने। मैं तो केवल चार शेर ही कह पाया हूँ अब तक। पर मश्क़ अच्छी…"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service