For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मरुस्थलीय मृगतृष्णा

मरुस्थलीय मृगतृष्णा

*****************

तुम कहती हो

प्रतिभाशाली बनो

पर मैं असक्त

प्रतिभाओं का बोझ

उठा नहीं सकता

मरुस्थलीय मृगतृष्णा के

पीछे भाग नहीं सकता

जिस शून्यता की अवस्था में

जी रहा हूँ , क्या उसमे

तुमको पा नहीं सकता ?

मुझ शुन्य को अब

तुम्हारा ही सहारा है

तुमसे जुड़कर ही मेरा

कोई आधार बनेगा

यह गतिहीन जीवन

कुछ आगे बढेगा

मेरे हृदय के पवित्र भावों को

गुणों-अवगुणों से मत तौलो

मेरे समर्पण को स्वीकार करो

अगर हो सके तो मुझे प्यार करो !!

 

© हरि प्रकाश दुबे

"मौलिक व अप्रकाशित"

 

 

Views: 805

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Hari Prakash Dubey on January 7, 2015 at 7:34pm

आदरणीय सीमा  जी आपका हार्दिक आभार, सधन्यवाद 

Comment by seematiwari on January 7, 2015 at 7:08pm

तुम कहती हो

प्रतिभाशाली बनो

पर मैं असक्त

प्रतिभाओं का बोझ

उठा नहीं सकता

मरुस्थलीय मृगतृष्णा के

पीछे भाग नहीं सकता

मेरे हृदय के पवित्र भावों को

गुणों-अवगुणों से मत तौलो

मेरे समर्पण को स्वीकार करो

अगर हो सके तो मुझे प्यार करो !!.....वाह! बहुत सुंदर..आदरणीय हरी प्रकाश दुबे जी  , सादर |

Comment by Hari Prakash Dubey on January 7, 2015 at 1:58am

"“प्रेम के लिए समर्पण ही एकमात्र शर्त होनी चाहिये”..सही कहा आपने ,  आदरणीय खुरशीद जी , आपने कविता को पढ़ कर सार्थक प्रतिक्रिया दी उसके लिए हार्दिक आभारी हूँ ,सादर"

Comment by Hari Prakash Dubey on January 6, 2015 at 8:48pm

अनुराग जी आपका बहुत बहुत धन्यवाद , दरअसल कविता दिल से निकली हुई सहज और स्वाभाविक होनी चाहिये , ज्यादा  तोड़ मरोड़ उसे बनावटी बना देती है ! सादर

 

Comment by Anurag Prateek on January 6, 2015 at 7:05pm

कहती हो तुम

प्रतिभाशाली,बन कर

दिखलाना है

पर मैं असंख्य

प्रतिभाओं का, आशाओं का

बोझ उठा सकता ही नहीं

अक्षम भी नहीं ,पर

भाग नहीं सकता मैं पीछे

मरुस्थलीय मृगतृष्णा के............... (मेरी कोशिश) 

Comment by Anurag Prateek on January 6, 2015 at 6:56pm

 Hari Prakash Dubey भाई भाव अच्छा है लेकिन ध्यान रहे अतुकांत भी एक सीमा तक लय मांगता है  इसका आभाव है  

Comment by Hari Prakash Dubey on January 6, 2015 at 6:31pm

इस रचना पर आपकी सार्थक प्रतिक्रिया का हार्दिक अभिनन्दन है आदरणीय डॉ.कंवर करतार 'खन्देह्ड़वी जी ! ,सादर आभार !

Comment by Hari Prakash Dubey on January 6, 2015 at 5:34pm

“प्रेम स्वयं सभी गुणों से ऊपर है” सही कहा आपने ,आदरणीय डॉक्टर विजय शंकर जी आपकी प्रतिक्रिया अत्यंत मह्त्बपूर्ण है आपका आभार, सादर !

Comment by Hari Prakash Dubey on January 6, 2015 at 5:26pm

आदरणीय ‘सूबे सिंह सुजान’  जी आपका हार्दिक आभार, सधन्यवाद 

Comment by Hari Prakash Dubey on January 6, 2015 at 5:26pm

रचना पर उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया के साथ आपके शब्द  बहुत अनमोल है ,आपका हार्दिक आभार आदरणीय डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव सर, सादर !

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Ashok Kumar Raktale commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post पहलगाम ही क्यों कहें - दोहे
"आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी सादर, पहलगाम की जघन्य आतंकी घटना पर आपने अच्छे दोहे रचे हैं. उस पर बहुत…"
14 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा चतुर्दशी (महाकुंभ)
"आदरणीय सुरेश कल्याण जी, महाकुंभ विषयक दोहों की सार्थक प्रस्तुति के लिए हार्दिक धन्यवाद. एक बात…"
16 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"वाह वाह वाह !  आदरणीय सुरेश कल्याण जी,  स्वामी दयानंद सरस्वती जैसे महान व्यक्तित्व को…"
16 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"जय हो..  हार्दिक धन्यवाद आदरणीय "
22 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post पहलगाम ही क्यों कहें - दोहे
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी,  जिन परिस्थितियों में पहलगाम में आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया गया, वह…"
23 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी left a comment for Shabla Arora
"आपका स्वागत है , आदरणीया Shabla jee"
yesterday
Shabla Arora updated their profile
yesterday
Shabla Arora is now a member of Open Books Online
yesterday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . अपनत्व
"आदरणीय सौरभ जी  आपकी नेक सलाह का शुक्रिया । आपके वक्तव्य से फिर यही निचोड़ निकला कि सरना दोषी ।…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"शुभातिशुभ..  अगले आयोजन की प्रतीक्षा में.. "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"वाह, साधु-साधु ऐसी मुखर परिचर्चा वर्षों बाद किसी आयोजन में संभव हो पायी है, आदरणीय. ऐसी परिचर्चाएँ…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"आदरणीय सौरभ जी सादर प्रणाम, प्रदत्त विषयानुसार मैंने युद्ध की अपेक्षा शान्ति को वरीयता दी है. युद्ध…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service