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ये भटकते हुये रास्ते

मैं हिला तक नहीं हूँ 

उस जगह से 
जहाँ तुमने छोडा था कभी 
तुम लौट आये हो
कौनसा रास्ता आया है 
लौटकर मुझ तक
खैर ! तुम्हारा कोई दोष नहीं है  
तुम्हारे लौट आने में 
ये रास्ते ही ऐसे हैं 
घूम फिर कर 
फिर आ पहुँचते हैं वहीं 
जहाँ से चले थे कभी 
राह से भटके हुये 
ये भटकते हुये रास्ते
तुम लौट ही आये हो 
तो कुछ देर आराम करलो
निकल जाना सुबह होते होते 
फिर किसी भटकते हुये रास्ते के साथ
रोज कई रास्ते निकलते हैं
पर मैं तुम्हें 
अकेला नहीं छोड सकता हूँ 
एक पल को मेरे घर में 
क्योंकि मैं तुम्हारे 
स्वभाव से परिचित हूँ
मैं भूला नहीं हूँ 
वो पहली मुलाकात 
तुमने अपनी आँखों से ही
मुझे मुझसे अलग कर दिया था
और ले गये थे अपने साथ
क्या मुझे मुझको लौटाने आये हो 
नहीं ! नहीं !
मुझे तो तुम अपने पास ही रखो
अब मैं मेरा क्या करुंगा
मैं खुश हूँ उन उपहारों के साथ 
जो तुमने दिये थे मुझको कभी 
अकेलेपन की जिन्दगी 
आँसूओं की बहती सरिता 
विरह की आग से उठता ज्वालामुखी
अँधेरा ही अँधेरा 
तुम्हारे इन उपहारों का सहारा न होता
तो जीवन अर्थहीन हो जाता
कोई अपने दिये उपहारों को
लौटकर लेने नहीं आता
तुम भी न ले जाना इन उपहारों को
कल मैं तुम्हें फिर
विदा करुंगा
पहले की तरह
फिर किसी 
भटकते हुये रास्ते के साथ 
हो सके तो
तुम फिर चले आना मेरे पास
राह से भटके हुये किसी रास्ते से
भटकते हुये

उमेश कटारा
मौलिक व अप्रकाशित

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Comment by मिथिलेश वामनकर on March 1, 2015 at 7:39pm

आदरणीय उमेश जी बहुत ही सुन्दर और मुग्ध करती प्रस्तुति...

वो पहली मुलाकात 
तुमने अपनी आँखों से ही 
मुझे मुझसे अलग कर दिया था
और ले गये थे अपने साथ
क्या मुझे मुझको लौटाने आये हो .................. अच्छी पंक्तियाँ 

इस सुन्दर प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई निवेदित है 

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on March 1, 2015 at 7:14pm

अ 0 उमेश जी

आप की कविताओं में अंक खास किस्म की कसक है जो इसे अन्य रचनाओ से जुदा करती है  i आप अच्छा  लिखटे  जा रहे है i इसमें संदेह नहीं i आप ऐसे ही बढ़ते रहे i सादर i

Comment by maharshi tripathi on March 1, 2015 at 6:28pm

मैं खुश हूँ उन उपहारों के साथ
जो तुमने दिये थे मुझको कभी
अकेलेपन की जिन्दगी
आँसूओं की बहती सरिता
विरह की आग से उठता ज्वालामुखी
अँधेरा ही अँधेरा...............

वाह !!!बहुत सुन्दर बेहद भावपूर्ण रचना पर आपको हार्दिक बधाई आ.उमेश जी |

कृपया ध्यान दे...

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