For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मालोपमा (उपमा अलंकार का एक भेद )

पुरवा बयार सी

मद भरे ज्वार सी   

फूलो में जवा सी

स्पर्श में हवा सी

महुआ की गंध सी

पाटल सुगंध सी

आमों की बौर सी

करौंदे की झौर सी

नीम की महक सी

पलाश की दहक सी

टूटे मोर पंख सी

पूजागृह के शंख सी

मंदिर के दीप सी

मोती भरी सीप सी

जल भरे डोल सी

विद्युत् कपोल सी

लहराते व्याल सी

दृप्त इंद्रजाल सी

पावस की धार सी

राधा के प्यार सी

पतझड़ के अंत सी

सौरभ बसंत सी

हिम के शृंगार सी

रति के दुलार सी

जीवन में आयी तुम

दृग में समाई तुम

उपमा की माल सी

कैरव की डाल सी  

आह i उन्मादिनी  !

प्रिय मधुवादिनी

स्मृति विशेष हो

अंतस् में शेष हो ---

मौलिक एवँ अप्रकाशित

Views: 1505

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by maharshi tripathi on March 20, 2015 at 6:19pm

सुन्दर ,,लयबद्ध कविता हेतु ढेरो बधाई आपको आ, डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव |

Comment by Shyam Mathpal on March 20, 2015 at 10:55am

आ.गोपालनारायण श्रीवास्तव सा. सुंदर व मधुर शब्दों की माला पिरोई आपने .तहे दिल से बधाई.

Comment by Pawan Kumar on March 20, 2015 at 10:50am

बसन्ती बयार सी
रिमझिम फुहार सी
कुछ नही शेष है
मलोपमा विशेष है
वाह!
आदरणीय सुन्दर प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई, सादर!

Comment by Shyam Narain Verma on March 20, 2015 at 10:43am

 शानदार रचना पर हार्दिक बधाई

 सादर

Comment by Nidhi Agrawal on March 20, 2015 at 10:13am

सुपर्ब रचना आदरणीय .. बहुत खूबसूरत उपमाएं दी हैं मन मोह लिया रचना ने ..बड़ी बात है की पदभार असमान होने के बावजूद लय टूटती नहीं है 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"गिरह का शेर अच्छा हुआ।"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार।"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"जी, मार्गदर्शन के लिए आभार।"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"आ. भाई जयहिन्द जी, सादर अभिवादन। गजल का प्रयास अच्छा हुआ है। हार्दिक बधाई।"
3 hours ago
Poonam Matia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"अच्छे अशआर हुए.........मुबारक खँडहर देख लें    "
4 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"तुझे तेज धारा उधर ले न जाए   जिधर उठ रहे हैं भंवर धीरे धीरे। ("संभलना" शब्द के…"
5 hours ago
Poonam Matia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"आदरणीय दयाराम जी शुक्रिया  हौसला अफज़ाई केलिए       "
6 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"आदरणीय अजय गुप्ता जी, बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई है। बधाई स्वीकार करें।"
6 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, ग़ज़ल अच्छी हुई है। बधाई स्वीकार करें।"
6 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"आदरणीय रिचा यादव जी, ग़ज़ल अच्छी हुई है। बधाई स्वीकार करें।"
6 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"आदरणीय पूनम जी, अच्छी ग़ज़ल हुई है। बधाई स्वीकार करें।"
6 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, पोस्ट पर आपकी टिप्पणी व सुझाव के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।"
6 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service