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है कहाँ पहचान तेरी सादगी को क्या हुआ- शिज्जु शकूर

2122/ 2122/ 2122/212

है कहाँ पहचान तेरी सादगी को क्या हुआ

शोखियों को क्या हुआ तेरी हँसी को क्या हुआ

 

मुब्तला खुदगर्ज़ियों में हो गये जज़्बात सब

क्या कहूँ अब आजकल की दोस्ती को क्या हुआ

 

रास्ते भी थम गये हैं मंज़िलें भी खो गईं

रुक गई इक मोड़ पर ये ज़िन्दगी को क्या हुआ

 

अपनी हस्ती को मिटाता जा रहा है बेखिरद

किसको फुरसत सोचने की आदमी को क्या हुआ

 

सुब्ह पहले सी नहीं मौसम भी पहले सा नहीं

हो गई बोझिल हवायें ताज़गी को क्या हुआ

 

नर्मियाँ पहले सी अब तेरी शुआओं में नहीं

ये बता ऐ चाँद तेरी रौशनी को क्या हुआ

 

टूटती ही जा रही है डोर अब उम्मीद की

ये नहीं मालूम मेरी पुख़्तगी को क्या हुआ

(मौलिक व अप्रकाशित)

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सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on June 1, 2015 at 8:05pm

आदरणीय सौरभ सर सर्वप्रथम विलम्ब के लिये मुआफी चाहता हूँ। 

रचना पर आपकी उपस्थिति सदैव उत्साहवर्धन करती है। आपका बहुत बहुत शुक्रिया जो आपने रचना को सराहा एवं इस्लाह के लिये भी आपका तहेदिल से शुक्रिया अदा करता हूँ


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on May 18, 2015 at 5:22pm

भाई शिज्जूजी, आपकी ग़ज़ल के अश’आर दिलखुश कर गये. दाद कुबूल कीजिये.

मतले में सादगी को खुशदिली क्यों न करें ?

है कहाँ पहचान तेरी खुशदिली  को क्या हुआ

शोखियों को क्या हुआ तेरी हँसी को क्या हुआ


शोखियों और हँसी की बेतकल्लुफ़ी के साथ सादगी मुझे फिट नहीं लगी. आप समझियेगा, मैं क्या कहना चाह रहा हूँ.


भाई, जाने क्यों आपकी ग़ज़ल पढ़ते हुए अनायास यह गीत होठों पर आ गया -
वक़्त इनसान पे ऐसा भी कभी आता है
राह में छोड़के साया भी चला जाता है
दिन भी निकलेगा कभी रात के आने पे न जा

ग़ज़ल के लिए शुक्रिया..


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on May 17, 2015 at 7:01pm

आदरणीय वीनस जी रचना को समय देने के लिये आपका बहुत बहुत शुक्रिया


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on May 17, 2015 at 7:00pm

आदरणीय निर्मल नदीम जी आपका बहुत बहुत शुक्रिया


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on May 17, 2015 at 2:58pm

आदरणीय केवल प्रसाद जी रचना की सराहना के लिये आपका आभार


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on May 17, 2015 at 2:57pm

आदरणीया माला झा जी रचना की सराहना के लिये आपका हार्दिक आभार


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on May 17, 2015 at 2:57pm

आदरणीया कांता रॉय जी आपका बहुत बहुत शुक्रिया


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on May 17, 2015 at 2:56pm

आदरणीय गिरिराज सर आपका बहुत बहुत शुक्रिया


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on May 17, 2015 at 2:56pm

आदरणीय श्री सुनील जी आपका बहुत बहुत शुक्रिया


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on May 17, 2015 at 2:39pm

आदरणीय विजय निकोर सर आपका बहुत बहुत शुक्रिया

कृपया ध्यान दे...

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