For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

श्याम से तो श्वेत सबका तन हुआ है (ग़ज़ल)

2122 2122 2122

श्याम से तो श्वेत सबका तन हुआ है..
लोभ से संत्रास लेकिन मन हुआ है..

अब कली भौरों से शर्माती नहीं है,
बेशरम अब सारा ही उपवन हुआ है..

खटने में ही बीतती है उम्र सारी,
कोल्हू के इक बैल सा जीवन हुआ है..

दिल के ग़म चहरे तलक आते नहीं क्यूँ,
सोच कर हैरान ये दर्पण हुआ है..

सूखी धरती की दरारें पूछती हैं,
तू भी धोखेबाज़ क्यूँ सावन हुआ है..

आजकल की फिल्मों में तो कुछ नहीं..बस,
'काम' का विस्तार से वर्णन हुआ है..
(मौलिक व अप्रकाशित)
~
~
- जयनित कुमार मेहता "जय"
(अररिया,बिहार)

Views: 549

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by जयनित कुमार मेहता on May 5, 2016 at 6:50pm
उत्साहवर्धन के लिए आप सभी का हार्दिक आभारी हूँ।
Comment by Jayprakash Mishra on October 6, 2015 at 6:22pm
Antim sher me kaam ke kai arth hain. Badhaai verma ji
Comment by Samar kabeer on October 5, 2015 at 11:35pm
जनाब जयनित कुमार वर्मा जी,आदाब,वाह,बहुत ख़ूब,शानदार ग़ज़ल कही है आपने,शैर दर शैर दाद के साथ मुबारकबाद क़ुबूल करें ।
Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on October 5, 2015 at 8:58pm

अच्छा प्रयास है .  बढ़िया .

Comment by Sushil Sarna on October 5, 2015 at 7:45pm

अब कली भौरों से शर्माती नहीं है,
बेशरम अब सारा ही उपवन हुआ है..

वाह बहुत सुंदर अशआर … हर शेर की अपनी महक … इस सुंदर ग़ज़ल की प्रस्त्तुति के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें आदरणीय।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on October 4, 2015 at 8:11pm

आ.  जयनित भाई , गज़ल अच्छी हुई है , हार्दिक बधाई !! चेह्रा ( चेहरा ) को वैसे 22 लेना चाहिये , पर आप जैसा उचित समझें ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

anwar suhail updated their profile
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Friday
ajay sharma shared a profile on Facebook
Thursday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। पति-पत्नी संबंधों में यकायक तनाव आने और कोर्ट-कचहरी तक जाकर‌ वापस सकारात्मक…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब। सोशल मीडियाई मित्रता के चलन के एक पहलू को उजागर करती सांकेतिक तंजदार रचना हेतु हार्दिक बधाई…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार।‌ रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर रचना के संदेश पर समीक्षात्मक टिप्पणी और…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब।‌ रचना पटल पर समय देकर रचना के मर्म पर समीक्षात्मक टिप्पणी और प्रोत्साहन हेतु हार्दिक…"
Nov 30
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, आपकी लघु कथा हम भारतीयों की विदेश में रहने वालों के प्रति जो…"
Nov 30
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय मनन कुमार जी, आपने इतनी संक्षेप में बात को प्रसतुत कर सारी कहानी बता दी। इसे कहते हे बात…"
Nov 30
AMAN SINHA and रौशन जसवाल विक्षिप्‍त are now friends
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service